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चैम्पियन अरुंधति का छलका दर्द: ‘जब भी जीतकर आई, सिर्फ मदद का आश्वासन मिला, वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती लेकिन किसी ने बधाई तक नहीं दी’; भास्कर में खबर छपने के बाद खेल मंत्री ने दी बधाई

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कोटा3 दिन पहलेलेखक: मुकेश सोनी

मरुधरा की बेटी अरुंधति चौधरी ने वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर कोटा का ही नहीं, पूरे देश का नाम गौरवान्वित किया है। अरुंधति ने फाइनल मुकाबले में पोलैंड की खिलाड़ी को 5-0 से मात देकर जीत का सोना जीता है। इस प्रतियोगिता में 20 में से 11 मेडल भारत की झोली में आए हैं। इनमें 8 गोल्ड व 3 ब्रॉन्ज मेडल हैं। गोल्ड मेडल जीतने के बाद कोटा पहुंचीं अरुंधति ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपनी पीड़ा बयां की।

अरुंधति चौधरी लोगों के लिए रोल मॉडल बनना चाहती हैं।

अरुंधति चौधरी लोगों के लिए रोल मॉडल बनना चाहती हैं।

अरुंधति ने कहा कि जब भी मेडल लेकर आई, सरकार व अधिकारियों की तरफ से केवल मदद का आश्वासन मिला। केवल फेडरेशन की ओर से मदद मिलती रही है। इस बार तो वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 69 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया है।

भास्कर में खबर छपने के बाद खेलमंत्री ने दी बधाई
अरुंधति ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार राजस्थान की महिला बॉक्सर ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। अफसोस है कि प्रदेश के खेल मंत्री ने बधाई तक नहीं दी। स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई बधाई संदेश नहीं मिला। हालांकि, भास्कर में यह खबर प्रकाशित होने के बाद खेलमंत्री अशोक चांदना ने अरुंधति को बधाई दी। अरुंधति ने 23 अप्रैल को मेडल जीता था। लेकिन, 4 दिन बाद खेलमंत्री ने उनको बधाई दी।

​​​​​अरुंधति का कहना है कि उनका कोई रोल मॉडल नहीं है। वो खुद लोगों के लिए रोल मॉडल बनना चाहती है।

कोच अशोक गौतम को उम्मीद है कि अरुंधति ओलंपिक में गोल्ड जीतेंगी।

कोच अशोक गौतम को उम्मीद है कि अरुंधति ओलंपिक में गोल्ड जीतेंगी।

कोच अशोक गौतम ने बताया कि अरुंधति ने 5 साल पहले साल 2016 में ट्रेनिंग शुरू की थी। तब अरुंधति हेल्दी थी,वजन 73 किलो था। हाइट के हिसाब से वजन ज्यादा था तो 1 साल तक खाना कम खाया। डाइट पर फ़ोकस किया। करीब 13 किलो वजन घटाया। अरुंधति ने लड़कों की तरह हार्ड वर्क किया। अरुंधति शुरुआत से ही अटैकिंग गेम खेलती रही हैं। डिफेंस में भरोसा कम करती हैं। यही कारण है कि अरुंधति ने ज्यादातर मुकाबले नॉक आउट फाइट से जीते हैं।

फिलहाल खेलो इंडिया के तहत ट्रेनिंग ले रही हैं। वहां बेहतरीन कोच हैं। फाइट के दौरान अरुंधति का लेफ्ट स्टांस (खड़े होने की पोजीशन) उन्हें अटैकिंग बनाता है, जो विरोधी मुक्केबाजों को परेशान करता है। विरोधी मुक्केबाज को हमले की जगह नहीं मिलती जबकि अरुंधति विरोधी मुकेबाज पर राइट स्टेट, हुक, अपर कट से विरोधियों को चित कर देती हैं। कोच अशोक गौतम को उम्मीद है कि अरुंधति ओलंपिक में गोल्ड जीतेंगी।

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