- Hindi News
- Business
- The Reserve Bank Said, There Should Be A Complete Ban On Cryptocurrencies
मुंबई2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
रिजर्व बैंक ने अपने केंद्रीय बोर्ड से कहा है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन लगा देना चाहिए। शुक्रवार को RBI की हुई बैठक में यह बात कही गई। इससे पहले, सरकार ने भी संसद के मौजूदा सत्र में क्रिप्टोकरंसी के रेगुलेशन के लिए बिल लाने की तैयारी की थी, लेकिन वह फिलहाल टल गया है।
RBI के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की यह बैठक बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई थी। मीटिंग के बाद जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि इसमें डिजिटल करेंसी और निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई मामलों पर चर्चा की गई। सूत्रों ने जानकारी दी है कि RBI के आंतरिक सदस्य प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं हैं और इस पर सख्ती से पाबंदी लगाना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक RBI के ज्यादातर सदस्य क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाने के पक्ष में हैं।
क्रिप्टो करंसी की अस्थिरता चिंता का विषय
मीटिंग में RBI के ज्यादातर सदस्यों ने निजी क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय स्थिरता पर उसके असर के बारे में चिंता जताई। साथ ही बैंक और सरकार की तरफ से इसके रेगुलेशन के लिए सख्त कदम उठाने के बारे में भी चर्चा की। बोर्ड मेंबर्स ने समानांतर करंसी से जुड़े वित्तीय जोखिम पर भी बातचीत की।
इस मीटिंग में क्रिप्टोकरंसी के वित्तीय स्थिरता पर असर को लेकर चिंता जाहिर की गई।
प्रधानमंत्री मोदी भी इस पर चर्चा कर चुके
रिजर्व बैंक ने बोर्ड के सामने क्रिप्टोकरंसी की मौजूदगी और इसके असर को लेकर डिटेल्ड प्रेजेंटेशन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में कई चरणों में चर्चा की थी। इससे पहले, जुलाई 2019 में एक हाई लेवल सरकारी पैनल भी सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की वकालत कर चुका है। इसने क्रिप्टोकरेंसी में डील करने पर 25 करोड़ रुपए फाइन और 10 साल की सजा की सिफारिश की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी क्रिप्टोकरंसी के रेगुलेशन को लेकर चर्चा कर चुके हैं।
गोपीनाथ ने कहा, रेगुलेशन बने
रिजर्व बैंक की मीटिंग से एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा था कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बजाय इसे रेगुलेशन के दायरे में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को इस डिजिटल टोकन को बैन करने की बजाय बेहतरीन तरीके से रेगुलेट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर एक वैश्विक पॉलिसी बननी चाहिए।
इस सत्र में मुश्किल है बिल का आना
उधर, खबर है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर इस सत्र में बिल लाने के मामले को टाल सकती है। संसद का सत्र अगले हफ्ते खत्म हो जाएगा और फिर अगला सत्र बजट का शुरू हो जाएगा। इसके बाद 5 राज्यों की चुनावी गहमागहमी शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार चुनाव के बाद इस बिल को संसद में ला सकती है। केंद्रीय बैंक ने बार-बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को रखा है। उसका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की मैक्रोइकॉनोमिक और वित्तीय स्थिरता के खिलाफ बड़ा खतरा है। उसने क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या और उनकी क्लेम की गई मार्केट वैल्यू पर भी संदेह किया है।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.