नई दिल्ली2 घंटे पहले
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन को लेकर चल रही बहस के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कहा कि वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत भरोसा करते हैं। उनका मानना है कि यह फाइनेंशियल वर्ल्ड को रिडिफाइन करेगा। उन्होंने इसे क्रिप्टोकरेंसी से अलग बताया। इन्फिनिटी फोरम में होस्ट किए इंटरव्यू में अंबानी ने ये बात कही।
अंबानी ने कहा, ‘ब्लॉकचेन के जरिए हम लगभग हर तरह के ट्रांजैक्शन में सिक्योरिटी, ट्रस्ट, ऑटोमेशन और एफिशिएंसी डिलिवर कर सकते हैं। इसके जरिए आप ऐसे ट्रांजैक्शन करते हैं जिन्हें कभी बदला नहीं जा सकता। यह ट्रस्ट-बेस्ड ट्रांजैक्शन और ट्रस्ट-बेस्ड सोसाइटी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ्रेमवर्क है।’
फाइनेंस के डिसेंट्रलाइज्ड मॉडल को अपनाने की जरूरत
मुकेश अंबानी ने कहा, ‘मेरे विचार में, फाइनेंस हर चीज के केंद्र में है। हमने फाइनेंस को उसके फुल पोटेंशियल तक डिजिटाइज नहीं किया है। मेरा मानना है कि हम डिजिटाइजेशन के बहुत शुरूआती चरण में हैं। और जैसा कि मैं इन सभी टेक्नोलॉजी को इवॉल्व होता हुआ देख रहा हूं, यह सुनिश्चित करने का अवसर है कि हम फाइनेंस के डिसेंट्रलाइज्ड मॉडल को अपनाएं।’
अंबानी ने कहा, ‘हम पिछले 100 सालों में सेंट्रलाइज्ड मॉडल के जरिए ऑर्गेनाइज्ड फाइनेंस में इवॉल्व हुए हैं। मुझे अब भी विश्वास है कि सेंट्रलाइज्ड गवर्नमेंट और सेंट्रल बैंक की पॉलिसी होगी। लेकिन एक रास्ता डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन्स का होगा जहां फाइनेंस सभी के लिए उपलब्ध होगा। आज भी यह एक ऐसी दुनिया है जहां बड़ी कंपनियों को आसानी से फाइनेंस मिल जाता है और छोटी कंपनियों को आसानी से फाइनेंस नहीं मिलता। लोगों के साथ भी ऐसा ही होता है, पर मुझे लगता है कि यह बदल जाएगा।’
रियल टाइम में बहुत विश्वास रखता हूं
अंबानी ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा है कि हम T+7 से T+2 और T+1 में आ गए हैं, लेकिन मैं रियल टाइम में बहुत विश्वास रखता हूं। ब्लॉकचेन एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिस पर मैं विश्वास करता हूं और यह क्रिप्टो से अलग है। मुझे लगता है कि स्मार्ट टोकन यह सुनिश्चित कर रहा है कि आप ऐसे ट्रांजैक्शन कर रहे हैं जिन्हें कभी बदला नहीं जा सकता।’
डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंशियल सेक्टर रिडिफाइन होगा
अंबानी ने कहा, ‘यह टेक्नोलॉजी डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंशियल सेक्टर को इस तरह से रिडिफाइन करेगा जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी।’ उनका मानना है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए एक ऐसा इनोवेटिव सॉल्यूशन बनाया जा सकता है जो रियल टाइम में क्रेडिट स्कोर को मैनेज करते हुए लाखों व्यापारियों के वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करेगा।
डेटा प्राइवेसी मॉडल किया जा सकता है डेवलप
अंबानी ने कहा, ‘ब्लॉकचेन का इस्तेमाल डेटा प्राइवेसी के लिए एक इनोवेटिव मॉडल का आविष्कार करने के लिए भी किया जा सकता है।’ उन्होंने ये भा कहा कि वो क्रिप्टोकरेंसी और डेटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर पॉजिटिव है। बता दें कि बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन का बिल संसद में तभी लाया जाएगा जब इसे कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।
क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए कलेक्टिव ग्लोबल एक्शन जरूरी
अंबानी से पहले इन्फिनिटी इवेंट के पैनल डिस्कशन के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कलेक्टिव ग्लोबल एक्शन की जरूरत है, क्योंकि तकनीक लगातार विकसित हो रही है और बदल रही है। किसी एक देश के पास इसे लेकर एक सूत्री फॉर्मूला नहीं है।’
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