बर्मिंघम5 मिनट पहले
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विराट कोहली की खराब फॉर्म जारी है। इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में चल रहे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान 19 गेंदों पर 11 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें मैथ्यू पॉट्स ने बोल्ड किया। खास बात यह है कि पॉट्स अपने करियर की सिर्फ दूसरी सीरीज खेल रहे हैं।
इस विफलता के साथ ही विराट के लगातार फेल होने का सिलसिला करीब तीन साल लंबा होने को आया है। 23 नवंबर 2019 को बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने टेस्ट शतक जमाया था। तब से वे क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में एक भी शतक नहीं जमा पाए हैं। यानी पूरे 953 दिन। उनके बल्ले पर लगी जंग उतरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या विराट कोहली बतौर क्रिकेटर फिनिश हो गए हैं? क्या उनका करियर ओवर होने को है? चलिए देखते हैं कि इस बारे में स्टैट्स क्या कहते हैं?
18 टेस्ट में सिर्फ 852 रन
विराट अपने आखिरी शतक के बाद से अब तक 18 टेस्ट मैच खेल चुके हैँ। इनमें उन्होंने 31 बार बल्लेबाजी की और सिर्फ 6 बार 50 का आंकड़ा पार कर पाए। इस दौरान उनका औसत महज 27.48 का रहा है। सीनियर बल्लेबाजों में उनसे खराब औसत सिर्फ अजिंक्य रहाणे (24.08) और चेतेश्वर पुजारा (25.94) का रहा है। इस कारण पुजारा और रहाणे दोनों को टीम से बाहर किया गया। पुजारा अच्छे काउंटी सीजन के दम पर वापसी कर गए हैं जबकि रहाणे आज भी बाहर हैं।
दूसरी ओर कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस दौरान विराट से कहीं बेहतर खेल दिखलाया। ऋषभ पंत का टीम में स्थान अक्सर सवालों में रहता है लेकिन विराट के आखिरी शतक के बाद से भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में पंत ही सबसे आगे हैं। उन्होंने इस दौरान 20 टेस्ट में 42.32 की औसत से 1312 रन बनाए हैं। इनमें तीन शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। रोहित शर्मा, केएल राहुल यहां तक कि शुभमन गिल का औसत भी विराट से बेहतर रहा है।
भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पूरे देश के बल्लेबाजों के बीच कॉम्पिटीशन रहता है। ऐसे में विराट लगातार फ्लॉप होते हुए अपनी जगह कब तक बचा पाएंगे? जब पुजारा और रहाणे ड्रॉप हो सकते हैं तो तो विराट क्यों नहीं?
वनडे में भी औसत 40 से नीचे
23 नवंबर 2019 के बाद से वनडे क्रिकेट में भी विराट कोहली अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 21 वनडे मैच खेले और 37.66 की औसत से 791 रन ही बना पाए। इसमें 10 हाफ सेंचुरी जरूर है लेकिन सेंचुरी एक भी नहीं है।
ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों का दहशत
ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों छेड़ना विराट की शुरुआती कमजोरी रही है। हालांकि, 2018 के इंग्लैंड दौरे से उन्होंने इस कमी को लगभग दूर कर लिया था। अब वही कमजोरी एक बार फिर सामने आ गई है और इस बार लाइलाज दिखलाई दे रही है। पिछले तीन साल में वे टेस्ट क्रिकेट में करीब 60% मौकों पर ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों पर आउट हुए हैं। बर्मिंघम टेस्ट में भी वे ऐसी ही एक गेंद को छोड़ने के प्रयास में प्लेड-ऑन (गेंद बैट से लगकर स्टंप्स में लगी) हो गए।
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