- Hindi News
- Sports
- Gymnast Ashish Kumar 2010 Commonwealth Games Asian Games Gymnastic Federation Of India (GFI) Sports Authority Of India
नई दिल्ली4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
जिम्नास्टिक में देश को पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले आशीष कुमार ने वर्ल्ड कप और एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल में भेद-भाव का आरोप लगाया है और इसको लेकर जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया(SAI) से शिकायत की है। जिसके बाद आशीष को नेशनल कैंप से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आशीष ने मांग की है ट्रायल के वीडियोग्राफी का रिव्यू इंटरनेशनल जज से कराया जाए, ताकि उन्हें न्याय नहीं मिल सकेंगे। आशीष ने दैनिक भास्कर को बताया कि वर्ल्ड कप और एशियन चैंपियनशिप के लिए 11 मई को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कांपलेक्स में ट्रायल का आयोजन किया गया था। ट्रायल में उन्हें ओवर ऑल पांचवां स्थान दिया गया था। जिन जिम्नास्ट को उनसे ऊपर दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रखा गया था उन्होंने उनसे ज्यादा फॉल किए थे। बावजूद उन्हें उनसे ऊपर रखा गया। इनमें से दो जिम्नास्ट नेवी से हैं और जजमेंट पैनल में नेवी के जज भी शामिल थे। उन्होंने नेवी के जिम्नास्टों का पक्ष लिया और उनकी गलतियों को नजरअंदाज किया।
सातवें स्थान का खिलाड़ी को रखा मुख्य टीम में
आशीष ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत उस समय जज और ज्यूरी पैनल से की थी, तो ध्यान नहीं दिया गया। उसके बाद उन्होंने 12 मई को सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन, टेक्निकल कमेटी के चेयरमैन, जिमनास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और सेक्रेटरी के साथ ही खेल मंत्रालय और SAI को भी पत्र लिखा और न्याय की मांग की। आशीष ने बताया कि जो खिलाड़ी सातवें स्थान पर था, उसे मुख्य टीम में जगह दी गई और उन्हें रिजर्व के तौर पर रखा गया है। वहीं उन्हें नेशनल कैंप से भी निकाल दिया है।
आशीष ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में दो मेडल जीते।
अपील करने के क्या है नियम
पूर्व कोच और तकनीकि विशेषज्ञ निर्भय सिंह बताते हैं कि किसी एक जज का पार्शिएलिटी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है। पैनल में कई जज होते हैं। अगर किसी जिम्नास्ट को लगता है कि पॉइंट देने में जज ने गलती की है, तो वह उसी समय शिकायत कर सकता है। पहले मौखिक और उसके बाद लिखित शिकायत कर सकता है। उसकी शिकायत पर ज्यूरी फिर से वीडियो रिव्यू और जजों के पैनल को बुलाकर उस पर सही फैसला होता है। आशीष के जो भी आरोप हैं, अब उस पर फैसला जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी और अध्यक्ष को करना है। वह उनके मामले को तकनीकि और सेलेक्शन कमेटी के पास भेज सकती है। ताकि किसी भी जिम्नास्ट के साथ अन्याय न हो।
आशीष कुमार 2010 एशियन गेम्स में देश के लिए जिम्नास्टिक में पहली बार ब्रॉन्ज मेडल जीता।
कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भाग लेने पर भी संशय
आशीष के कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भाग लेने पर भी संशय है। सूत्रों के मुताबिक नेशनल कैंप में शामिल जिम्नास्ट ही कॉमवेल्थ गेम्स के लिए होने वाले ट्रायल में भाग ले सकते हैं। ऐसे में आशीष के कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल में भी भाग लेने पर संशय बना हुआ है।
कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले इकलौते जिम्नास्ट
आशीष 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में फ्लोर में ब्रॉन्ज और वॉल्ट में सिल्वर मेडल जीते थे। वहीं इसी साल एशियन गेम्स में फ्लोर एक्सरसाइज में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इसके अलावा आशीष कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी मेडल जीत चुके हैं।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.