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कॉमनवेल्थ में मेडल जीतने वाली दिव्या दिल्ली-UP में फंसीं: बोलीं- CM केजरीवाल से सिर्फ आश्वासन मिला, मदद नहीं; उन्हें हक याद दिलाया भीख नहीं मांगी

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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला पहलवान दिव्या काकरान लगातार कुश्ती में 68 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता है, लेकिन दिल्ली सरकार की अनदेखी पर उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है।

असल में, सीएम अरविंद केजरीवाल ने मेडल जीतने पर ट्वीट कर बधाई दी, जिस पर दिव्या ने कहा कि उन्हें दिल्ली में रहने और राज्य की ओर से खेलने के बावजूद न कोई मदद मिली और न इनाम राशि। उनका दावा है कि दिल्ली सरकार ने दिव्या को उत्तर प्रदेश का बताकर पल्ला झाड़ लिया। इस बीच, यूपी सरकार ने उन्हें 50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है।

दफ्तरों के चक्कर लगवाए गए, पर नहीं मिली मदद
वुमन भास्कर से बातचीत में दिव्या काकरान ने कहा, ‘करीब ढाई दशक से मेरे पिता दिल्ली में मजदूरी कर रहे हैं। 22 साल से हम भी यहीं रहे रहे हैं। मैंने दिल्ली में रहकर पहलवानी सीखी और साल 2011 से 2017 तक मैं दिल्ली के लिए ही खेला, लेकिन मुझसे सिर्फ दफ्तरों के चक्कर लगवाए गए, लेकिन न कभी मदद मिली न इनाम राशि, जबकि अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को भी केजरीवाल सरकार सम्मानित कर चुकी है। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री केजरीवाल को अपना हक याद दिलाया। मैं उनसे कोई भीख नहीं मांग रही हूं।’

दिल्ली का हो गया परिवार, फिर भी नहीं अपना रही सरकार
दिव्या काकरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव पुरबालियान से हैं। दिव्या के पिता सूरजवीर सैन साल 1987 में रोजी-रोटी के लिए दिल्ली आए थे। साल 1993 में वापस गांव चले गए। उसके बाद साल 2000 में फिर से दिल्ली आकर यहां मजदूरी करने लगे। 2001 में परिवार भी दिल्ली आ गया।

सूरजवीर सैन बताते हैं, ‘साल 2000 में दिल्ली लौटा तो फिर मैं और मेरा परिवार यहीं का होकर रह गया। मैंने मजदूरी की। पत्नी सिलाई करती। दिव्या दिल्ली में ही पली-बढ़ी। यहीं किताबी ज्ञान लिया और यहीं से पहलवानी के दांव-पेंच भी सीखे। साल 2011 से 2017 तक दिव्या दिल्ली के लिए खेली। साल 2019 से वह रेलवे की ओर से खेल रही है।

2015 में दिया मदद का आश्वासन, फिर यूपी का बताकर दुत्कार दिया
सूरजवीर बताते हैं, साल 2015 में दिव्या ने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। तब मुख्यमंत्री केजरीवाल हमारे घर आए। दिव्या को 3 लाख रुपए की इनाम राशि भी दी। उस वक्त दिव्या ने उनसे कहा था कि हमारे घर के हालात अच्छे नहीं है। आपकी मदद चाहिए सर। केजरीवाल ने आश्वासन भी दिया, लेकिन फिर किसी चैंपियनशिप के लिए कोई मदद नहीं मिली। दिव्या ने जब-जब मेडल जीते, हम मदद के लिए सरकारी दफ्तर पहुंचे, लेकिन आज तक कोई मदद नहीं मिली। उल्टा बेज्जती कर भगा दिया गया। मदद नहीं कर पाए कोई नहीं, लेकिन बेटी का उत्साह बढ़ाने के लिए उसे सम्मानित तो कर सकते थे, लेकिन वो भी नहीं किया। यूपी का बताकर दुत्कार दिया।

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में कांस्य पदक जीतने के बाद स्वदेश पहुंचने पर अपने माता-पिता के साथ दिव्या काकरान।

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में कांस्य पदक जीतने के बाद स्वदेश पहुंचने पर अपने माता-पिता के साथ दिव्या काकरान।

‘दिल्ली से खेलकर जीते 17 गोल्ड मेडल, उनके सर्टिफिकेट अपलोड करूं…’
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया- बहन पूरे देश को आप पर गर्व है, लेकिन मुझे याद नहीं आ रहा है कि आप दिल्ली की ओर से खेलती हैं। आप हमेशा से उत्तर प्रदेश की ओर से खेलती आई हैं, लेकिन खिलाड़ी देश का होता है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आपको सम्मान की उम्मीद नहीं है। मुझे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आपकी बात जरूर सुनेंगे।

दिव्या ने सौरभ भारद्वाज के ट्वीट के जवाब में एक सर्टिफिकेट पोस्ट करते हुए लिखा- ‘2011 से 2017 तक दिल्ली की ओर से खेली हूं। ये रहा सर्टिफिकेट दिल्ली स्टेट का। अगर आपको अभी भी यकीन नहीं है तो दिल्ली स्टेट से 11 गोल्ड हैं मेरे, उनके भी सर्टिफिकेट अपलोड कर दूं क्या।’

हुड्डा की सलाह- जिद छोड़ें केजरीवाल, दिव्या को दें मान और इनाम
कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार का उदाहरण देते हुए केजरीवाल को सलाह दी कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर दिव्या का सम्मान करना चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में 20 साल रहने के बाद, दिल्ली के लिए 8 भारत केसरी और 17 गोल्ड जीतने के बाद भी दिव्या को दिल्ली सरकार दिल्लीवासी नही मान रही! हरियाणा में हुड्डा सरकार ने सहवाग, साइना, सुशील कुमार, गगन नारंग को केवल हरियाणा से किसी भी लिंक होने मात्र से ही इनाम राशि आदि दी थी।’

एक अन्य ट्वीट में लिखा- ‘दिल्ली सरकार व मुख्यमंत्री केजरी को जिद छोड़, दिव्या को भी उनकी उपलब्धियों के हिसाब से मान सम्मान व इनाम देना चाहिए। खिलाड़ी राष्ट्रीय धरोहर हैं, जिस भी राज्य से खेलें, उनको पूरी सुविधाएं और अवसर देकर हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए।’

मेडल विनर्स को मिलेगा इतना इनाम
यूपी सरकार ने नई खेल नीति के तहत हाल ही में ऐलान किया था कि इंटरनेशनल लेवल पर मेडल्स जीतने वाले खिलाड़ियों को उचित सम्मान और पद दिया जाएगा। इसके तहत गोल्ड जीतने वाले को एक करोड़ रुपए, सिल्वर को 75 लाख और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 50 लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। साथ ही सभी मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी का पद भी दिया जाएगा। इसी के तहत दिव्या को भी 50 लाख रुपए का इनाम मिलेगा।

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