मीरपुर12 मिनट पहले
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बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए जब भारत की प्लेइंग-11 घोषित हुई तो फैंस से लेकर एक्सपर्ट तक सब हैरान रह गए। इसमें कुलदीप यादव का नाम शामिल नहीं था। कुलदीप ने पहले टेस्ट में 8 विकेट लिए थे और 40 रन की उपयोगी पारी खेली थी। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था।
इस स्टोरी में हम जानेंगे कि कप्तान केएल राहुल ने कुलदीप को बाहर करने के पीछे क्या लॉजिक दिया। साथ ही यह भी जानेंगे कि इस लॉजिक में कोई दम है भी या नहीं। इस मसले पर पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा और अंजुम चोपड़ा की राय भी जानेंगे।
कुलदीप ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन रहा था।
पहले जानते हैं कप्तान ने क्या कहा
चोटिल रोहित शर्मा की गैरहाजिरी में केएल राहुल इस सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हैं। दूसरे टेस्ट के टॉस के वक्त उन्होंने कहा कि यह पिच फास्ट बॉलर्स के लिए ज्यादा मददगार दिख रही है। इसलिए तीन फास्ट बॉलर्स को शामिल करने का फैसला किया गया। इस स्थिति में कुलदीप की प्लेइंग-11 में जगह नहीं बनती है। कुलदीप की जगह बाएं हाथ के मीडियम पेसर जयदेव उनादकट को टेस्ट खेलने का मौका मिल गया।
सवाल उठता है कि अक्षर को बाहर क्यों नहीं किया
अगर पिच फास्ट बॉलर्स के लिए मददगार थी भी तो सवाल यह उठता है कि पिछले टेस्ट के मैन ऑफ द मैच कुलदीप को बाहर करने की क्या जरूरत थी। लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल को भी रेस्ट दिया जा सकता था। पहले टेस्ट में अक्षर ने पहली पारी में 1 तो दूसरी पारी में 4 विकेट लिए थे।
उस टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे कमजोर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन साबित हुए थे। अश्विन पूरे मैच में सिर्फ 1 विकेट ले पाए थे। पहली पारी में उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली थी।
क्या पिच वाकई फास्ट बॉलर्स के लिए मददगार है
पिच पर थोड़ी घास थी और इसे देखकर ही राहुल ने मन बना लिया कि पिच फास्ट बॉलर्स के लिए हेल्पफुल होगी। हालांकि, यहां का इतिहास इसके उलट है। इस ग्राउंड पर अब तक 24 टेस्ट मैच में स्पिनर्स ने 411 तो फास्ट बॉलर्स ने 267 विकेट लिए हैं। इस मैच से पहले यहां खेले गए 5 टेस्ट मैचों में स्पिनर्स ने 94 विकेट लिए थे।
अब जानते हैं अजय जडेजा और अंजुम चोपड़ा ने इस पर क्या कहा
अजय जडेजा और अंजुम चोपड़ा इस टेस्ट में कमेंट्री कर रहे हैं। सुबह जब प्लेइंग-11 घोषित हुई तो अंजुम ने कहा- मैं हैरान हूं कि कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। यह फैसला समझ से परे है। वहीं, अजय जडेजा ने कहा कि बिना वजिब वजह के किसी खिलाड़ी को कैसे बाहर किया जा सकता है? आखिर कैसे उन्हें यह खबर बताई गई होगी?
व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी कुलदीप के साथ भेदभाव
ऐसा नहीं है कि सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में कुलदीप के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ है। व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी उन्हें गाहे-बगाहे बाहर का रास्ता दिखाया जाता रहा है।
कुलदीप ने 2017 में टेस्ट में डेब्यू किया। तब से भारतीय टीम 113 टेस्ट खेल चुकी है। कुलदीप को सिर्फ 9 में मौका मिला। वनडे में उनके डेब्यू के बाद से भारत ने 108 वनडे खेले हैं। कुलदीप को 73 में मौका मिला। टी-20 में कुलदीप ने पहला मैच 9 जुलाई 2017 को खेला था। तब से भारत ने 103 मैच खेले। कुलदीप को सिर्फ 25 में मौका मिला।
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