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कोलकाता3 मिनट पहले
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IPL का एलिमिनेटर मुकाबला लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेला जा रहा था। फाफ डु प्लेसिस के बाद विराट कोहली भी सस्ते में पवेलियन की तरफ लौट चुके थे। RCB के तमाम फैंस किसी हीरो के इंतजार में थे। ऐसे में इंदौर, मध्य प्रदेश के रजत पाटीदार ने मोर्चा संभाल लिया। पढ़िए उनकी कहानी, पर उससे पहले पोल में जरूर हिस्सा लें।
रजत पाटीदार की एक ही पारी से बड़े-बड़े दिग्गज मुरीद हो गए। इस खिलाड़ी की आज हर कोई तारीफ कर रहा है। विराट ने भी रजत की इनिंग को दबाव में खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारी करार दिया है। रजत के परिवार का कहना है कि 28 वर्षीय क्रिकेटर की इस सुनहरी कामयाबी की नींव में खेल के प्रति बचपन से गहरा समर्पण और अनुशासन है।
विराट कोहली ने रजत पाटीदार के साथ स्पेशल सेल्फी ली। रजत ने विराट कोहली को भरोसा जताने के लिए शुक्रिया कहा।
IPL ऑक्शन में नहीं बिकने के बाद शादी करने वाले थे रजत
फरवरी में आईपीएल 2022 की मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रहने के बाद पाटीदार मई में शादी करने के लिए तैयार थे। IPL 2021 में 4 मैच खेलकर 71 रन बनाने वाले पाटीदार को RCB ने रिटेन नहीं किया। मेगा नीलामी में उनके लिए बोली भी नहीं लगाई, लेकिन लवनीथ सिसोदिया के चोटिल होने के बाद रजत पाटीदार को तीन अप्रैल को 20 लाख रुपये में लिया गया। रजत के पिता ने बताया कि उनकी शादी 9 मई को करने की योजना थी।
पिता मनोहर पाटीदार ने कहा, ‘हमने उसके लिए रतलाम की एक लड़की को चुना है। एक छोटा सा समारोह होना था और इसके लिए मैंने इंदौर में एक होटल भी बुक कर लिया था।’ पाटीदार अब रणजी ट्रॉफी नॉकआउट चरण में एमपी टीम के साथ अपनी कमिटमेंट को पूरा करने के बाद जुलाई में शादी के बंधन में बंधेंगे। 6 जून से क्वार्टर फाइनल में मध्य प्रदेश का सामना पंजाब से होगा।
रजत के आदर्श सचिन, करियर की शुरुआत गेंदबाज के तौर पर की
रजत ने करियर की शुरुआत एक गेंदबाज के रूप में की थी। कोच के कहने पर बल्लेबाजी शुरू की। अंडर-15 टीम में वह बल्लेबाज बन गए थे। कोच के फैसले पर रजत पाटीदार खरे भी उतरे। सचिन तेंदुलकर रजत के पसंदीदा खिलाड़ी हैं। उन्हीं को आदर्श मानकर रजत ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा। मास्टर ब्लास्टर सचिन ने भी रजत की एलिमिनेटर वाली पारी की तारीफ की ।
लखनऊ के खिलाफ मस्ट विन मैच में रजत ने कार्तिक के साथ 62 गेंद में 106 रनों की साझेदारी की थी।
रजत ने 2015-16 में रणजी ट्रॉफी से क्रिकेट में डेब्यू किया था। 2018 में रजत ने जोनल टी-20 लीग में मध्य प्रदेश के लिए पहला मैच खेला था। 2018-19 सीजन में रजत ने मध्य प्रदेश के लिए रणजी में सबसे ज्यादा रन बनाए थे। उन्होंने 8 मुकाबलों में 714 रन बनाए थे। अगस्त 2019 में इंडिया ब्लू की टीम में दिलीप ट्रॉफी में उन्हें शामिल किया गया है। इसके बाद लगातार रजत पाटीदार अच्छा प्रदर्शन करते रहे।
मोटरपंप का कारोबार करते हैं रजत के पिता
रजत के पिता मनोहर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के व्यस्त महारानी रोड बाजार में मोटरपंप का कारोबार करते हैं। उन्होंने बताया, ‘हमें उम्मीद थी कि रजत IPL के एलिमिनेटर मुकाबले में 50 रन तो बना ही लेगा, लेकिन उसने शतक के साथ नाबाद पारी खेलकर हमें आश्चर्यचकित कर दिया और बहुत खुशी दी।’
परिवार को लगा कि मुश्किल परिस्थिति में बेटे ने हमेशा संघर्ष के बूते विजय प्राप्त की है। ऐसे में लखनऊ के खिलाफ भी वह मैदान बिल्कुल नहीं छोड़ेगा। दिलचस्प है कि IPL मेगा नीलामी में बिक नहीं सके रजत रिप्लेसमेंट प्लेयर के रूप में RCB का हिस्सा बने और बुधवार रात की पारी ने उनकी तकदीर बदल दी है।
मध्य प्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट के दौरान बल्लेबाजी करते हुए रजत पाटीदार।
सामान्य जीवन और सीधा फलसफा.. अगला मौका मिलेगा
रजत के पिता मनोहर कहते हैं कि हम बेहद सामान्य तरीके से जीवन जीते हैं और रजत को अच्छे प्रदर्शन के दबाव से हमेशा मुक्त रखते हैं। अगर किसी मैच में वह जल्दी आउट भी हो जाता है, तो मैं उससे कहता हूं कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि उसे अगला मौका जल्द मिलेगा। रजत के पिता का यह बयान किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के मुखिया की भावना को प्रदर्शित करता है। मिडिल क्लास फैमिली को अगर सपने पूरे करने होते हैं, तो लंबे वक्त तक उम्मीद कायम रखनी होती है।
विजय हजारे ट्रॉफी में मध्य प्रदेश की तरफ से तमिलनाडु के खिलाफ शतक जड़ने के बाद रजत पाटीदार ।
बचपन से ही क्रिकेट का क्रेज
पिता कहते हैं, ‘परिवार का क्रिकेट से जुड़ाव रजत के कारण ही हुआ। रजत बचपन से ही क्रिकेट का दीवाना था और खेल के प्रति उसका रुझान देखकर हमने उसे लगातार प्रोत्साहित किया। रजत केवल आठ साल की उम्र में इंदौर के एक क्रिकेट क्लब से जुड़ गया था और 10 साल पूरे होते ही अपनी उम्र से बड़े लड़कों के साथ मुकाबले खेलने लगा था।
स्कूल का समय छोड़ दिया जाए, तो घर से क्लब और क्लब से घर… बचपन में हर मौसम में रजत की यही रुटीन होता था। उसके दोस्त-यार भी काफी कम रहे। रजत बचपन से ही डिसिप्लिन का पक्का है।’
क्रिकेट के चलते केवल 12वीं तक पढ़ाई
पिता ने बताया, ‘क्रिकेट की व्यस्तताओं के चलते रजत केवल 12वीं तक पढ़ सका। मैंने रजत का दाखिला एक लोकल कॉलेज में कराया, लेकिन एग्जाम के दौरान दूसरे शहरों में रणजी ट्रॉफी समेत दूसरे क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के कारण वह परीक्षा नहीं दे सका। क्रिकेट में उसका अच्छा प्रदर्शन देखकर मैंने भी उसकी कॉलेज की पढ़ाई पर ज्यादा जोर नहीं दिया। बेटे की क्रिकेट प्रतिभा ईश्वर की देन है और वह अपने तरीके से खेल का आनंद लेता है।’
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