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कप्तान रोहित का सबसे बड़ा टेस्ट: भारत और WTC फाइनल के बीच खड़ा ऑस्ट्रेलिया; शर्मा का कप्तानी अनुभव कम

स्पोर्ट्स डेस्क38 मिनट पहले

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों की सीरीज रोहित शर्मा के कप्तानी करियर का पहला सबसे बड़ा टेस्ट होगा। 9 फरवरी से नागपुर में पहला टेस्ट खेला जाएगा। फरवरी 2022 में कप्तानी मिलने के बाद रोहित 2 ही टेस्ट में भारत की कप्तानी कर सके। इस बीच इंजरी के कारण वे इंग्लैंड और बांग्लादेश में 3 टेस्ट नहीं खेल सके।

रोहित का टेस्ट कप्तानी में अनुभव कम है। वहीं, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिहाज से भारत के लिए सीरीज बहुत अहम है। आगे स्टोरी में हम आंकड़ों के जरिए जानेंगे कि कप्तान रोहित के सामने इस सीरीज में क्या मुश्किलें आएंगी। उन्होंने अपनी कप्तानी में कैसा परफॉर्म किया है और WTC फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को क्या करना होगा।

2 ही मैचों में कप्तानी की
टेस्ट कप्तानी मिलने के बाद रोहित शर्मा भारत के लिए 2 ही मैचों में कप्तानी कर सके। ये टेस्ट पिछले साल मार्च में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए थे। भारत ने दोनों ही टेस्ट जीते। इस सीरीज के बाद भारत ने इंग्लैंड में एक और बांग्लादेश में 2 टेस्ट खेल लिए। लेकिन, चोट के चलते रोहित टीम का हिस्सा नहीं बन सके।

इस दौरान तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड में और केएल राहुल ने बांग्लादेश में कप्तानी की। भारत इंग्लैंड में टेस्ट मैच हार गया। वहीं, बांग्लादेश में टीम इंडिया ने क्लीन स्वीप किया।

इंजरी ने किया परेशान
पिछले एक साल में टीम इंडिया से दूर रहने की सबसे बड़ी वजह रोहित की इंजरी रही। इंजरी के कारण वे भारत के लिए पिछले 10 में से 2 ही टेस्ट खेल सके हैं। पिछले महीने भी बांग्लादेश में वह वनडे सीरीज के दौरान चोटिल हो गए। जिसके बाद टेस्ट सीरीज में उनकी जगह केएल राहुल ने कमान संभाली थी। लेकिन, रोहित अब पूरी तरह फिट हैं। श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जिता कर बेहतर माइंडसेट के साथ वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीत के लिए तैयार हैं।

कप्तानी में 30 का औसत
अपनी टेस्ट कप्तानी में बैटर रोहित शर्मा का प्रदर्शन भी अब तक बड़ी टीम के खिलाफ देखने को नहीं मिला है। 2022 में श्रीलंका के खिलाफ 2 मैचों में उनके बल्ले से कुछ खास रन नहीं निकले थे। तब 2 टेस्ट में उन्होंने 30 की औसत से महज 90 रन बनाए। उनका बेस्ट स्कोर भी 46 रन ही रहा।

भारत में खूब रन बनाए
रोहित शर्मा ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की घरेलू सीरीज से टेस्ट डेब्यू किया था। यह सचिन तेंदुलकर के करियर का आखिरी टेस्ट मैच था। रोहित ने तब से भारत में खूब रनाए। भारत में खेले 20 टेस्ट में उनके नाम 1760 रन हैं। इनमें 7 शतक और 6 अर्धशतक आए। विदेश में उनके बैट से शुरुआत में कुछ खास रन नहीं निकले। लेकिन, पिछले 2 साल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में रन बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।

WTC फाइनल के लिए जीतना जरूरी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिहाज से भारत के लिए बहुत अहम है। 2 से ज्यादा टेस्ट जीतने पर टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने के चांस बढ़ जाएंगे। 3 टेस्ट जीतते ही टीम का फाइनल खेलना कन्फर्म हो जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया को 2 टेस्ट हराते ही भारत ICC की टेस्ट टीम रैंकिंग में भी नंबर एक बन जाएगा। भारत इस वक्त टेस्ट रैंकिंग में दूसरे नंबर पर है। वहीं, ऑस्ट्रेलियन टीम टॉप पर है। भारतीय टीम वनडे और टी-20 की टीम रैंकिंग में नंबर-1 पर है।

रोहित के सामने क्या चुनौती?
ऑस्ट्रेलियन टीम में कुछ प्लेयर्स ऐसे भी हैं जो कप्तान रोहित के सामने बड़ी मुसीबत पैदा कर सकते हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम स्टीव स्मिथ का है, जिन्होंने भारत में 60 की औसत से 660 रन बनाए हैं। 6 मैचों में उन्होंने 3 शतक और एक अर्धशतक भी बनाया है। ICC टेस्ट रैंकिंग के नंबर-1 बैटर ​​मार्नस लाबुशेन, नाथन लायन और उस्मान ख्वाजा भी रोहित के सामने चुनौती होंगे।

ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ ने भारत में 3 शतक जड़े हैं।

ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ ने भारत में 3 शतक जड़े हैं।

लाबुशेन अपने करियर के बेस्ट फॉर्म में हैं। भारत में तो उन्होंने अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेला। लेकिन, एशिया में खेले 7 टेस्ट में उन्होंने 400 रन बनाए हैं और इस दौरे के लिए कई महीनों से तैयारी कर रहे हैं।

लायन भी रोहित के सामने बड़ी चुनौती हो सकते हैं। लायन ने भारत में खेले 7 टेस्ट में 34 विकेट झटके हैं। एशिया में खेले 24 टेस्ट में उनके नाम 118 विकेट हैं। इनमें उन्होंने 9 बार पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए। पिछले कुछ समय में उन्होंने भारतीय बैटर्स को भी खूब परेशान किया है।

ख्वाजा पिछले ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट अवॉर्ड्स में 2022 के टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने। भारत में उन्होंने अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेला। लेकिन एशिया में खेले 12 टेस्ट में उनके नाम 57.58 की औसत से 979 रन हैं। इस दौरान उनके बैट से 3 शतक और 4 अर्धशतक भी आए।

कोहली-पुजारा का फॉर्म भी चिंता
कप्तान रोहित को अपने फॉर्म के अलावा विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के फॉर्म की चिंता भी है। 2021 से एशिया के टेस्ट में पुजारा का औसत 34.61 का रहा तो वहीं कोहली महज 23.85 की औसत से ही रन बना सके। इनके अलावा केएल राहुल भी पिछले कुछ समय से खास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं।

विराट कोहली ने 2021 से टेस्ट में 23.85 की औसत से रन बनाए हैं।

विराट कोहली ने 2021 से टेस्ट में 23.85 की औसत से रन बनाए हैं।

क्यों मिली थी टेस्ट कप्तानी?
15 जनवरी 2022 को विराट कोहली ने भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ दी। टीम एक दिन पहले ही साउथ अफ्रीका में 2-1 से टेस्ट सीरीज हारी थी। कोहली के इस चौंकाने वाले फैसले के बाद BCCI असमंजस में थी की कप्तान किसे बनाएं? भारत को 2 महीने बाद 4 मार्च को श्रीलंका के खिलाफ घर में 2 टेस्ट की सीरीज खेलनी थी।

ऐसे में BCCI की सेलेक्शन कमेटी ने वनडे और टी-20 कप्तान और सीनियर खिलाड़ी रोहित शर्मा को ही टेस्ट कप्तानी भी सौंप दी। केएल राहुल को उप कप्तान बनाया गया। रोहित एक साल पहले तक विदेश में खराब प्रदर्शन के चलते टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए जूझ रहे थे। वह 2021 के दौरान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद ही टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर सके थे।

टी-20, वनडे में रोहित का रिकॉर्ड बेहतर
रोहित शर्मा का टेस्ट अनुभव भारत के पिछले सफल कप्तानों के मुकाबलों काफी कम है। लेकिन, उन्होंने टी-20 और वनडे कप्तानी में खुद को बहुत बेहतर साबित किया है। वनडे कप्तानी के 24 मैचों में उन्होंने टीम को 19 मैच जिताए। टी-20 के 51 मैचों में तो उन्होंने 39 मैच जिताए हैं। हालांकि, उन्हीं की कप्तानी में भारत पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत सका था। टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारकर बाहर हो गई थी।

IPL में 5 ट्रॉफी जिताईं
वनडे, टी-20 के साथ रोहित ने IPL में भी अपनी कप्तानी साबित की है। मुंबई इंडियंस को उन्होंने अपनी कप्तानी में 5 खिताब जिताए हैं। उनके बाद एमएस धोनी के नाम 4 IPL टाइटल हैं। IPL कप्तानी में अच्छा करने के बाद ही रोहित का नाम नेशनल टीम की कप्तानी करने के लिए आगे बढ़ा था।

धोनी हैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे सफल कप्तान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाले कप्तानों में महेंद्र सिंह धोनी का नाम सबसे ऊपर है। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008, 2010 और 2013 में कप्तानी की और एक भी मैच नहीं हारा। उन्होंने सभी 8 मैच जिताए। उनके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 3 में से 2 टेस्ट जिताए।

कोहली की कप्तानी में एक ही जीत
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया पर एक ही जीत दर्ज कर सकी। विराट ने 2017 के दौरान 3 मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कप्तानी की थी। भारत ने एक टेस्ट जीता, एक हारा और एक ही ड्रॉ खेला था।

2017 में अजिंक्य रहाणे ने भी एक मैच में कप्तानी कर भारत को टेस्ट मैच जिताया था। रहाणे और कोहली के नाम ही ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज हराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। कोहली ने 2018 में अपनी कप्तानी से भारत को 2-1 से सीरीज जिताई थी। वहीं, रहाणे ने 2021 में भारत को 2 टेस्ट जिता कर और एक ड्रॉ कराकर सीरीज जीत दिलाई थी।

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