टोक्यो29 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिला दिया है। उन्होंने 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में टोटल 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर जीता। इस तरह देश को वेटिलिफ्टिंग में 21 साल बाद ओलिंपिक मेडल मिला है। इससे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने ब्रॉन्ज जीता था। मीराबाई की सफलता इस मायने में खास हो जाती है कि वे 2016 रियो ओलिंपिक में अपने एक भी प्रयास में सही तरीके से वेट नहीं उठा पाई थीं। उनकी हर कोशिश को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था।
मीराबाई ने ओलिंपिक में जाने से पहले भास्कर से कहा था कि मैं टोक्यो ओलिंपिक में अवश्य मेडल जीतूंगी। , क्योंकि मेरे पास ओलिंपिक खेलने का अनुभव है। मैने अपने पहले ओलिंपिक में मेडल जीतने से चूक गई थी। तब अनुभव की कमी के कारण मैं मेडल जीतने में सफल नहीं हो सकी थीं।
मीराबाई ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
इस साल अप्रैल में हुए ताशकंद एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीराबाई चानू ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाने के बाद क्लीन एंड जर्क में वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए 119 किलोग्राम का भार उठाया। वह कुल 205 किग्रा के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं। इससे पहले क्लीन एंड जर्क में वर्ल्ड रिकॉर्ड 118 किग्रा का था। चानू का 49 किग्रा में इंडिविजुअल बेस्ट परफॉर्मेंस कुल 203 किग्रा (88 किग्रा और 115 किग्रा) था, जो उन्होंने पिछले साल फरवरी में नेशनल चैंपियनशिप में बनाया था।
11 साल की उम्र में वेटलिफ्टिंग में जीता था पहला मेडल
मीराबाई मणिपुर की इंफाल की रहने वाली हैं। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में पहला गोल्ड 11 साल की उम्र में लोकल वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में जीता था। उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर वेटलिफ्टिंग करियर की शुरुआत वर्ल्ड और जूनियर एशियन चैंपियनशिप से की। वे कुंजरानी देवी को अपना आदर्श मानती हैं।
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय
मीराबाई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर हैं। यह उपलब्धि उन्होंने 2017 में (49 किलो वेट कैटेगरी) हासिल की। उन्होंने 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 49 किलो वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। मीराबाई ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
चोट के बाद 2019 में की शानदार वापसी
मीराबाई को 2018 में पीठ दर्द से जूझना पड़ा था। हालांकि उसके बाद उन्होंने 2019 के थाईलैंड वर्ल्ड चैंपियनशिप से वापसी की और चौथे नंबर पर रहीं। तब उन्होंने पहली बार 200 किग्रा से ज्यादा का वजन उठाया था। चानू कहती हैं कि उस समय भारत सरकार का पूरा सपोर्ट मिला। इलाज के लिए मुझे अमेरिका भेजा गया। इसके बाद मैंने न केवल फिर से वापसी की, बल्कि अपने करियर का सबसे ज्यादा वजन उठाने में भी सफल हुई।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.