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शाहबाद9 घंटे पहले
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ब्रॉन्ज मेडल के लिए भारतीय टीम अब ब्रिटेन से मुकाबला करेगी।
टोक्यो ओलिंपिक के 13वें दिन भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल मैच में अर्जेंटीना के खिलाफ बेशक हार गई मगर पदक की उम्मीद खत्म नहीं हुई है। ब्रॉन्ज मेडल के लिए भारतीय टीम अब 6 अगस्त को ग्रेट ब्रिटेन की टीम से भिड़ेगी। महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों के परिजनों को भी उम्मीद है कि टीम फाइनल में नहीं पहुंची तो क्या हुआ, वह मेडल लेकर जरूर आएगी।
बुधवार को हुए सेमीफाइनल में महिला हॉकी टीम एक गोल से हार गई। इस मैच में भारतीय टीम तिरंगी यूनिफॉर्म पहनकर मैदान में उतरी और मैच के दूसरे ही मिनट में डिफेंडर गुरजीत कौर ने गोल दागकर बढ़त दिला दी मगर अर्जेंटीना टीम की कप्तान मारिया नोएल बारिओनुएवो ने दूसरे और तीसरे क्वार्टर में गोल कर जो लीड ली, उसे भारतीय टीम आखिर तक बराबर नहीं कर पाई।
भारतीय महिला हॉकी टीम 41 साल में पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल तक पहुंची है। टीम ने चौथे क्वार्टर में तीन बार की गोल्ड मेडलिस्ट रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। दो बार की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट अर्जेंटीना जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंची।
सेमीफाइनल मैच में भारतीय और अर्जेंटीना टीम की खिलाड़ी।
अर्जेंटीना ने दो गोल किए तो रानी की मां ने मैच छोड़ा
भारतीय महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल के होमटाउन शाहबाद-मारकंडा में उनके घर में परिवार और पड़ोसियों ने साथ बैठकर मैच देखा। हालांकि अर्जेंटीना टीम ने जैसे ही दो गोल किए, रानी की मां मैच छोड़कर चली गई। पास बैठे परिजनों ने बैठने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि वे अभी आ रही है। उसके बाद वह वापस आईं भी और अंत तक प्रार्थना करती रही कि टीम गोल करने में कामयाब हो जाए। रानी के पिता रामपाल ने बताया कि बेटियां ने अंतिम समय तक मैच बनाए रखा। टीम अभी केवल गोल्ड की लाइन से बाहर हुई है। जिस जोश के साथ बेटियों ने आज खेल दिखाया, वे मेडल के लायक हैं। खिलाड़ियों ने शुरू से ही अच्छा प्रदर्शन किया और आखिर तक रोमांच बरकरार रहा। ब्रॉन्ज मेडल के लिए ब्रिटेन के साथ होने वाले मैच में इससे भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। ओलिंपिक मेडल पूरे देश का सपना है और इस सपने को साकार करने के लिए छोरियों ने बहुत मेहनत की है। पूरा देश भगवान से जीत के लिए दुआ कर रहा है।
मैच देखता कप्तान रानी रामपाल का परिवार और पड़ोसी।
शर्मिला के पिता ने अर्जेंटीना को बधाई दी
हिसार के कैमरी गांव में रहने वाली शर्मिला गोदारा का पूरा परिवार भी टीवी पर टकटकी लगाए मैच देखता रहा। शर्मिला आर्मी से रिटायर अपने दादा की मदद से सोनीपत में कोच प्रीतम के पास पहुंची और वहां से नेशनल टीम में चुनी गई। शर्मिला के पिता सुरेश गोदारा ने कहा कि भारत की बेटी हो या दुनिया के किसी भी देश की लड़की हो, सभी हमारी बेटियों के समान हैं। खेल में हार-जीत होती रहती है। अर्जेंटीना टीम को अच्छा खेलने के लिए बधाई। हमारी टीम भी अच्छा खेली इसके लिए उन्हें भी बधाई। परिवार ने कहा कि शर्मिला के सामने अभी पूरा जीवन पड़ा है और वह एक न एक दिन देश के लिए मेडल लाकर परिवार का नाम रोशन जरूर करेगी।
मैच देखते शर्मिला गोदारा के परिजन।
ब्रॉन्ज मेडल जरूर जीतेंगी
टीम में खेल रही नवनीत कौर के पिता बूटा सिंह ने कहा कि खेल के दो पहलू होते हैं। एक हार तो दूसरा जीत। एक टीम को तो जीतना ही था। हमारी टीम के खेल में कोई कमी नहीं थी। दूसरी टीम ने भी कोई कमी नहीं रहने दी। हमारी बेटियां पूरा जोर लगाकर सेमीफाइनल तक पहुंची। वे गोल्ड भले ही नहीं दिला पाई हों,मगर उम्मीद है कि ब्रॉन्ज मेडल देश को जरूर दिलवाएंगी।
मैच देखते नवनीत कौर के परिजन।
नवजोत के पिता बोले-टीम देशवासियों को निराश नहीं करेगी
हॉकी टीम में शामिल नवजोत कौर के पिता सतनाम ने कहाकि देश की सभी बेटियों की निगाहें हॉकी टीम पर हैं। हमारी बेटियां मेडल लेकर ही लौटेंगी। हमें पूरी उम्मीद है और हमसे ज्यादा उम्मीद देश के लोगों को हैं, जिन्हें वे निराश नहीं करेंगी। सेमीफाइनल मैच में अंत तक जीत की उम्मीद रही और खेल देखने के बाद इसको हार नहीं कह सकते।
मैच देखते नवजोत कौर के परिजन।
उदिता की मां बोली- पदक जरूर आएगा
हॉकी खिलाड़ी उदिता दुहन की मां गीता देवी ने बताया कि बेशक सेमीफाइनल मैच हार गए हो्ं, लेकिन बेटियों की हिम्मत ने दिल जीत लिया। मुझे पूरी उम्मीद हैं कि वे ब्रिटेन के खिलाफ मैच इसी तरह डटकर खेलेंगी और पदक लेकर ही लौटेंगी। खेल में एक तो हारेगा ही लेकिन निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि आगे के लिए और मेहनत करनी चाहिए।
मैच देखते उदिता दुहन के परिजन।
तारीफ के काबिल प्रदर्शन
गोलकीपर सविता पुनिया के पिता महेंद्र सिंह पुनिया ने कहा कि हार-जीत खेल के पहलू हैं। सेमीफाइनल मैच में आखिरी तक बेटियों ने जो हिम्मत दिखाई और जिस मजबूती से वो डटी रहीं, वह तारीफ के काबिल है। कोई टीम हर मैच जीतती ही चली जाए, ऐसा बहुत कम होता है। आज मिली हार के कारण अगले मैच में वे और ज्यादा मजबूती से खेलेंगी।
मैच देखते गोलकीपर सविता पूनिया के परिजन।
टीम की 6 खिलाड़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि से
टीम में हरियाणा प्रदेश की 6 बेटियां हैं, जिनमें से एक टीम को लीड कर रही है, यानी कप्तान रानी रामपाल। इनके अलावा नवजोत कौर और नवनीत कौर भी हैं। ये तीनों बेटियां शाहबाद मारकंडा से हैं। कुरुक्षेत्र जिले में स्थित शाहाबाद मारकंडा को ‘हरियाणा का संसारपुर’ कहा जाता है। संसारपुर पंजाब में है और हॉकी के लिए मशहूर है। यहीं पर तीनों बेटियां पली-बढ़ी और हॉकी की प्रैक्टिस की। इनके अलावा दो खिलाड़ी शर्मिला गोदारा और उदिता दूहन हिसार से व भिवानी से गोलकीपर सविता पूनिया भी हैं। शर्मिला गोदारा हिसार के कैमरी गांव से हैं, उदिता दूहन भिवानी के नांगल से व सविता पुनिया सिरसा के जोधकां गांव से हैं।
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