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- T20 World Cup A Little Luck And A Lot Of Confidence Brought The World Title For Australia The Team Came After Losing 5 Consecutive Series Before The Tournament
नई दिल्ली7 मिनट पहले
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खड़ूस। आंखों में आंखे डालकर खेलने वाली। उकसाने वाली। धमकाने वाली। गरियाने वाली। हमेशा जीत की तलाश में रहने वाली। ये कुछ पहचान हैं ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट की। आप इसे पसंद करें या नापसंद, कभी इग्नोर नहीं कर सकते। उस वक्त भी नहीं जब यह टीम अपने इतिहास के सबसे खराब दौर में से एक से गुजर रही हो।
इस टी-20 वर्ल्ड कप ने इसी बात की पुष्टि की है। अहम मुकाबलों में सिक्के की उछाल के रूप में किस्मत भले ऑस्ट्रेलिया के पाले में गिरी लेकिन टीम ने यह खिताब गजब के जज्बे और बहुत सारे आत्मविश्वास की बदौलत जीता है। कैसे? चलिए जानने की कोशिश करते हैं…
टूर्नामेंट से पहले ऑस्ट्रेलिया को लगातार पांच टी-20 सीरीज में हार झेलनी पड़ी थी। यह भी किसी एक या दो टीम से नहीं। जिसके साथ भी खेलने उतरी सबसे हार मिली। इंग्लैंड ने हराया। भारत ने हराया। न्यूजीलैंड ने मात दी। वेस्टइंडीज ने धो दिया। हद तो तब हो गई जब बांग्लादेश ने भी इसे पीट दिया। इन नतीजों के साथ ऑस्ट्रेलिया की टीम उस ख्वाब को पूरा करने UAE पहुंची जो वह पिछले 14 साल से देख रही थी। 6 बार नाकामयाब रही। खिताब छोड़िए इस बार टीम को बहुत मुश्किल से सेमीफाइनल में पहुंचने का दावेदार माना गया था।
कैसे हुआ टर्नअराउंड…फॉर्म नहीं क्लास पर भरोसा जताया
इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े स्टार बनकर उभरे डेविड वार्नर। वैसे तो 5 फीट 5 इंच लंबा यह खिलाड़ी बल्लेबाजों की दुनिया में गगनचुंबी नाम है, लेकिन लंबे समय से फॉर्म में नहीं था। वार्नर इस कदर खराब फॉर्म में थे कि उनकी IPL टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें पहले कप्तानी से हटाया फिर प्लेइंग-11 से भी बाहर कर दिया। हैदराबाद के कुछ मैचों के दौरान उनके स्टेडियम आने पर रोक लगा दिए जाने की खबर भी आई थी।
ऑस्ट्रेलिया ने इसके बावजूद वार्नर पर भरोसा किया और वर्ल्ड कप की टीम में शामिल किया। अब वार्नर ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि क्रिकेट में फॉर्म टेम्पररी होता है और क्लास परमानेंट।
मिचेल मार्श के रूप मिल गया मिडिल ओवर का पावर हिटर ऑलराउंडर
ऑस्ट्रेलिया को इस वर्ल्ड कप में एक ऐसा ऑलराउंडर मिल गया जो आने वाले समय में दुनियाभर की क्रिकेट में वैसा ही तहलका मचा सकता है जैसा इंग्लैंड के लिए बेन स्टोक्स ने मचाया था। उस ऑलराउंडर का नाम है मिचेल मार्श। वे लंबे समय से खेल रहे हैं लेकिन उम्मीद के मुताबिक डिलीवर नहीं कर पा रहे थे। इस टूर्नामेंट में आखिरकार अपना जलवा दिखा दिया। मिडिल ओवर में उनके रूप में ऑस्ट्रेलिया को सही मायने में एक पावर हिटर मिल गया है। उनकी बल्लेबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की टीम पावर प्ले और डेथ ओवर के बीच के फेज में भी मोमेंटम कायम रखने में सफल रही। इस मामले में टूर्नामेंट की ज्यादातर टीमों ने संघर्ष किया।
हर खिलाड़ी निकला सुपरहीरो
वार्नर और मार्श के अलावा ऑस्ट्रेलिया की ओऱ से और भी कई सुपर हीरो निकले। सच तो यह है कि इस टीम का हर खिलाड़ी अपने आप में सुपरहीरो साबित हो रहा है। जिसका दिन होता है वही मैच निकाल देता है।
अगला टी-20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में होगा। यह टीम घरेलू कंडीशंस में एक बार फिर खिताब की मजबूत दावेदार होगी।
एक पहलू और याद रखिए। ऑस्ट्रेलिया को पहला वनडे वर्ल्ड कप जीतने में चार टूर्नामेंट और 12 साल लगे थे। लेकिन, जब इसने जीत का स्वाद चखा तो पांच वर्ल्ड कप अकेले ले उड़ा। अब टी-20 में भी शुरुआत हो गई है। भले 14 साल लगे हों। दूसरी टीमों को सावधान हो जाना चाहिए।
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