3 दिन पहले
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भारतीय कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को सेफ्टी रेटिंग के लिए अपनी कारों को ग्लोबल NCAP में भेजने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि एक अक्टूबर से देश में अपनी सेफ्टी एजेंसी ‘भारत NCAP’ (BNCAP) की शुरुआत हो सकती है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने देश में कारों का क्रेश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए पैरामीटर तय कर लिए हैं। साथ ही BNCAP (भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) को शुरू करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह एजेंसी देश में ही वाहनों को क्रैश टेस्ट में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर 0 से 5 स्टार रेटिंग देगी।
जून-2022 में BNCAP को दी थी मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जून-2022 में BNCAP शुरू करने के लिए GSR नोटिफिकेशन के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। भारत NCAP में टेस्टिंग प्रोटोकॉल ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के जैसा ही होगा। क्रैश टेस्ट में मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखा जाएगा।
वेबसाइट पर देख सकेंगे क्रेश टेस्ट के रिजल्ट
केंद्र सरकार द्वारा स्थापित एक मॉनीटरिंग कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद BNCAP अपनी वेबसाइट पर स्टार रेटिंग और टेस्ट रिजल्ट्स शो करेगा। शुरुआत में क्रैश टेस्ट स्वैच्छिक होगा, इसके लिए सेंपल के तौर पर ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) अपनी कारों भेज सकेंगे या फिर BNCAP डीलरों के शोरूम से रेंडमली कारों को उठाएगा।
भारत NCAP से फायदा क्या होगा?
इससे ग्राहकों को स्टार-रेटिंग के आधार पर सेफ्टी वाली कारों को चुनने का ऑप्शन मिलेगा। साथ ही देश में सेफ व्हीकल्स के मैन्युफैक्चरिंग के लिए ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) के बीच फेयर कॉम्पिटिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
नई व्यवस्था से लोकल कार मैन्युफैक्चर्स को भी मदद मिलेगी। वे अपने वाहनों की टेस्टिंग भारत की इन-हाउस टेस्टिंग सर्विस में कर सकेंगे। इसके अलावा उन्हें क्रैश टेस्ट और स्टार रेटिंग के लिए अपनी कारों को विदेश भेजने की आवश्यकता नहीं होगी, जो बहुत महंगा है।
रेटिंग में ज्यादा स्टार मिलने का मतलब बेहतर सेफ्टी
NCAP टेस्ट में सबसे कम रेटिंग या स्टार लाने वाली कारें दुर्घटना के समय सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं। वर्तमान में भारत में कारों के क्रैश टेस्ट के नियम तय हैं। टेस्ट की गई कारों को 0 से 5 स्टार रेटिंग दी जाती है। BNCAP क्रैश टेस्ट में कार को एडल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन (AOP), चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन (COP) और सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजीस (SAT) के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देगा।
एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग क्या है
- एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) रेटिंग में ये देखा जाता है कि जब कार सामने की तरफ से टकराती है तब आगे की सीट पर बैठने वाले पैंसेजर और ड्राइवर कितने सुरक्षित रहे।
- चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) रेटिंग से ये देखा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर पीछे की सीट पर बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे।
NCAP सेफ्टी रेटिंग कैसे दी जाती है?
- कार की सेफ्टी रेटिंग: NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। सभी कंपनियां अपनी कार के हर मॉडल और वैरिएंट पर अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स देती हैं। इनमें एयरबैग्स, ABS, EBD, सेफ्टी बेल्ट, बैक सेंसर, कैमरा, स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं। जब कार का क्रैश टेस्ट होता है तब इन्हीं सेफ्टी फीचर्स के आधार पर उसे रेटिंग दी जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग मिलने की प्रोसेस: सेफ्टी रेटिंग के लिए कार का क्रैश टेस्ट किया जाता है। इसके लिए इंसान जैसी डमी का इस्तेमाल किया जाता है। टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है।
- सेफ्टी रेटिंग के मायने: क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं। डमी कितनी डैमेज हुई। कार के दूसरे सेफ्टी फीचर्स ने कितना काम किया। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है। इस रेटिंग से ग्राहकों को सुरक्षित कार खरीदने में मदद मिलती है। हालांकि NCAP किसी भी कार के सभी वैरिएंट का क्रैश टेस्ट नहीं करता है।
कार के सेफ्टी फीचर्स
कार खरीदते वक्त क्रैश टेस्ट रेटिंग के साथ दूसरे सेफ्टी फीचर्स जैसे एटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन, रियर कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटो डोर लॉक/अनलॉक, वियरेबल लॉक/अनलॉक, डे-टाइम रनिंग लाइट्स, रिअर डीफॉगर और वाइपर, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स, डे/नाइट मिरर और फॉग लैम्प शामिल हैं।
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