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एअर इंडिया CEO नियुक्ति का रास्ता साफ: विल्सन को होम मिनिस्ट्री का सिक्योरिटी क्लीयरेंस मिला, 12 मई को CEO बनाने की घोषणा हुई थी

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नई दिल्ली6 दिन पहले

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गृह मंत्रालय ने एअर इंडिया के नए MD और CEO कैंपबेल विल्सन को सिक्योरिटी क्लीयरेंस दे दिया है। इससे उनके लिए एयरलाइन का चार्ज संभालने का रास्ता साफ हो गया है। पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है। सिविल एविएशन नियमों के तहत, फॉरेनर्स समेत एयरलाइंस में प्रमुख लोगों की नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है।

12 मई को टाटा संस ने कैंपबेल विल्सन को एअर इंडिया का MD और CEO बनाने की घोषणा की थी। तब एअर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस नियुक्ति पर कहा था, ‘एअर इंडिया में कैंपबेल का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। वह इंडस्ट्री के दिग्गज हैं। एअर इंडिया को उनके अनुभव से फायदा मिलेगा। मैं एयर इंडिया को वर्ल्ड क्लास एयरलाइन बनाने में उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’

विल्सन के पास 26 साल का एक्सपीरियंस
50 साल के विल्सन के पास एविएशन इंडस्ट्री का 26 साल का अनुभव है। इसमें फुल सर्विस और लो-कॉस्ट दोनों एयरलाइन्स शामिल है। उन्होंने सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) ग्रुप के लिए जापान, कनाडा और हॉन्गकॉन्ग जैसे देशों में 15 से अधिक वर्षों तक काम किया है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि टाटा के स्वामित्व वाली एयरलाइन विस्तारा में SIA भी पार्टनर है।

टाटा ग्रुप का हिस्सा बनना सम्मान की बात
कैंपबेल विल्सन ने नियुक्ति पर कहा था, ‘आईकॉनिक एअर इंडिया का नेतृत्व करने और टाटा ग्रुप का हिस्सा बनने के लिए चुना जाना सम्मान की बात है। एअर इंडिया दुनिया की बेस्ट एयरलाइन्स में से एक बनने की रोमांचक यात्रा पर है। मैं उस महत्वाकांक्षा को साकार करने के मिशन में एअर इंडिया और टाटा के सहयोगियों के साथ जुड़ने के लिए उत्साहित हूं।’

1996 में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में शुरुआत
विल्सन ने न्यूजीलैंड में कैंटरबरी यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर ऑफ कॉमर्स (फर्स्ट क्लास ऑनर्स) किया है। उन्होंने 1996 में न्यूजीलैंड में सिंगापुर एयरलाइन्स के साथ मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग और जापान में SIA के लिए काम किया।

2011 में थे स्कूट के फाउंडिंग CEO
सिंगापुर लौटकर 2011 में लो कॉस्ट एयरलाइन स्कूट के फाउंडिंग CEO के रूप में काम किया। 2016 तक वो इस पद पर रहे। अप्रैल 2020 में दोबारा स्कूट के CEO बनने से पहले उन्होंने SIA में सेल्स और मार्केटिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में काम किया।

विल्सन ने 2011 से 2016 तक स्कूट के फाउंडिंग CEO के रूप में काम किया। 2020 में दोबारा CEO बने

विल्सन ने 2011 से 2016 तक स्कूट के फाउंडिंग CEO के रूप में काम किया। 2020 में दोबारा CEO बने

इस दौरान उन्होंने प्राइसिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, ई-कॉमर्स, मर्चेंडाइजिंग, ब्रांड एंड मार्केटिंग, ग्लोबल सेल्स और एयरलाइन ओवरसीज ऑफिसेज को देखा। अब उन्हें एअर इंडिया की कमान सौंपी गई है। उम्मीद की जा रही है कि स्कूट एयरलाइन का उनका एक्सपीरिएंस एअर इंडिया के काफी काम आएगा।

इल्कर आयसी ने ठुकराया था CEO पद
टाटा ने इससे पहले तुर्किश एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन इल्कर आयसी को MD और CEO नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उन्होंने एयरलाइन की कमान संभालने से इनकार कर दिया।

टाटा के पास तीन एयरलाइंस
टाटा संस के पास इस समय तीन एयरलाइंस हैं। इसमें एयर एशिया, विस्तारा और एअर इंडिया शामिल हैं। टाटा ग्रुप ने एअर इंडिया की 100% हिस्सेदारी 18,300 करोड़ रुपए में खरीदी थी। 27 जनवरी को यह डील पूरी हुई और उस दिन से टाटा संस इसका मालिक हो गया।

टाटा संस के टेकओवर के बाद टाटा देश की दूसरी बड़ी एयरलाइन बन गई है। इसका पूरा शेयर टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किया जा चुका है।

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