मॉस्को9 मिनट पहले
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रूस ने सोशल मीडिया कंपनी मेटा पर उग्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। साथ ही उसके दो अहम सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक व इंस्टाग्राम पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है। सोमवार को एक रूसी अदालत ने यह कार्रवाई देश के चरमपंथी विरोधी कानून के तहत की।
हालांकि रॉयटर्स के मुताबिक, कोर्ट को मेटा की मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप को लेकर कोई ऐतराज नहीं है यानी रूस में इसका यूज जारी रहेगा। अमेरिकी कंपनी मेटा के खिलाफ इस कार्रवाई को यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पूरी दुनिया में लगाए जा रहे प्रतिबंधों से जोड़कर देखा जा रहा है। मेटा ने मॉस्को की त्वारोस्की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इस फैसले को लेकर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सरकार की तरफ से दाखिल किया गया था मुकदमा
त्वारोस्की कोर्ट ने मेटा के खिलाफ यह फैसला सरकारी अधिकारियों की तरफ से दाखिल मुकदमे पर सुनवाई के बाद दिया। गवर्नमेंट प्रॉसीक्यूटर ने मेटा की गतिविधियों को रूस विरोधी बताते हुए उसे बैन करने की इजाजत वाला मुकदमा दाखिल किया था।
इससे पहले सुनवाई के दौरान मेटा की वकील विक्टोरिया शकीना ने अपनी कंपनी की गतिविधियों को उग्रवादी बताने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कंपनी पर ‘रूसोफोबिया’ से प्रेरित होने का आरोप पूरी तरह गलत है। कोर्ट के फैसले के खिलाफ मेटा का रिएक्शन नहीं आने से यह स्पष्ट नहीं है कि वह इसके खिलाफ अपर कोर्ट में अपील करेगी या नहीं।
पिछले कुछ समय के दौरान मेटा (फेसबुक) को दुनिया भर में कानूनी मुकदमों का सामना करना पड़ा है।
तालिबान और ISIS को रोकने के लिए कानून लाया था रूस
रूस ने चरमपंथ विरोधी कानून को अपने यहां इस्लामिक उग्रवादी गतिविधियों पर कंट्रोल रखने के लिए बनाया था। इसका मकसद तालिबान और ISIS की गतिविधियों को रोकना था। इन दोनों आतंकी संगठनों समेत कई अन्य संगठनों पर भी रूस ने इस कानून के तहत बैन लगाया था। हालांकि बाद में रूस ने इस कानून का उपयोग जेहोवाह मामले के गवाहों और क्रेमलिन (रूसी सरकार का हेडक्वार्टर) विरोधी विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी के एंटी-करप्शन फाउंडेशन के खिलाफ भी किया था।
क्रेमलिन ने पहले ही लगा रखा है फेसबुक-इंस्टा पर बैन
क्रेमलिन ने पहले ही फेसबुक और इंस्टाग्राम को बैन कर रखा है। रूसी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि दोनों प्लेटफार्म उन पोस्ट को बढ़ावा दे रहे हैं, जिनमें रूस के खिलाफ हिंसक संघर्ष छेड़ने की बात की जा रही है। स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन ने दोनों प्लेटफार्म को ऐसी पोस्ट्स पर बैन लगाने के लिए कहा था। यूक्रेन पर रूसी हमले के विरोध से जुड़ी पोस्ट्स को बढ़ावा देने के आरोप में दोनों प्लेटफार्म बाद में बैन कर दिए गए थे।
रूस ने यूक्रेन में कथित मिलिट्री ऑपरेशन के नाम पर भयंकर तबाही मचा रखी है, जिसका फेसबुक के जरिए दुनियाभर में जमकर विरोध किया जा रहा है।
पहले से बैन प्लेटफार्म के खिलाफ कोर्ट आदेश क्यों
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रूस में पहले से बैन के बावजूद कोर्ट ने अब उन्हें बैन करने का आदेश क्यों दिया है। रूसी अधिकारियों ने मेटा के इन दोनों प्लेटफार्म पर रूसी नागरिकों को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इसी आरोप में उसकी गतिविधियों को उग्रवादी बताते हुए क्रिमिनल केस दाखिल किया गया था।
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