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इंटरनेशनल केनोअर्स की लव स्टोरी: पैरा केनो वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन, पत्नी ने ब्रॉन्ज जीता, तो पति ने फाइनल तक का सफर तय किया

इंटरनेशनल केनोअर्स की लव स्टोरी: पैरा केनो वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन, पत्नी ने ब्रॉन्ज जीता, तो पति ने फाइनल तक का सफर तय किया

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2 मिनट पहले

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ग्वालियर के इंटरनेशनल केनोअर्स प्राची कौरव और मनीष कौरव ने पोलैंड में आयोजित पैरा केनो वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। पत्नी प्राची ने विमेन VL-2 200 मी. (1:04.71 मिनट) में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। तो पति मनीष ने KL3 मैंस 200 मी. इवेंट के फाइनल तक का सफर किया है।
प्राची वर्ल्ड कप मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला केनोअर बनीं। तो मनीष फाइनल तक पहुंचने वाले पहले केनोअर बनें। दोनों ने लॉकडाउन के दौरान भोपाल में लव मैरिज की थी। वे भोपाल में रहकर अपना खेल निखार रहे हैं। पढ़ें उनकी लव स्टोरी…

रवानगी से पहले कोच मयंक ठाकुर के साथ प्राची और मनीष।

रवानगी से पहले कोच मयंक ठाकुर के साथ प्राची और मनीष।

लॉकडाउन में लव मैरिज… 2018 में छोटी झील में ट्रायल के दौरान हुई थी प्राची और मनीष की मुलाकात
प्राची और मनीष की पहली मुलाकात 2018 छोटी झील में आयोजित ट्रायल में हुई थी। मनीष सीनियर थे, ऐसे में प्राची को इस खेल की बारीकियां सिखाते रहते थे। इस दौरान दोनों में प्यार हुआ। मनीष एक दिन अचानक प्राची के कमरे पर पहुंचे, जहां प्राची अपनी सहेलियों के साथ थीं।
उन्होंने प्राची के सामने अपने प्यार का इजहार किया और शादी का प्रस्ताव रखा। यह सुनकर प्राची ने उन्हें मना कर दिया। बाद में मनीष को प्राची को मनाने में करीब एक हफ्ता लगा। आखिरकार प्राची मनीष से शादी करने के लिए राजी हो गईं। दोनों ने 11 जून को लॉकडाउन के दौरान कोर्ट में लव मैरिज कर ली। पर इन दोनों की कहानी अभी समाप्त नहीं हुई।
इन दोनों की शादी को मनीष के घरवालों ने अब तक स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में मनीष शादी के बाद से घर नहीं गए। मनीष-प्राची जहांगीराबाद में एक किराए के मकान में रहते हैं। हालांकि प्राची के घर वालों ने इस शादी को स्वीकार कर लिया है और मदद कर रहे हैं।
गलत इलाज से पोलियो के शिकार हुए, चल-फिर नहीं सकते
मुरैना के सांगोली गांव के रहने वाले गौरव सिंह ने दोहरे पदक जीते हैं, जिनमें एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज शामिल हैं। एक साल की उम्र में उन्हें निमोनिया हो गया था। इसका गलत इलाज होने के कारण वे पोलियो के शिकार हो गए हैं। गौरव चल फिर नहीं सकते हैं क्योंकि उनके दोनों पैर और रीढ़ की हड्‌डी में दिक्कत है। गौरव के पिता सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं। रहे हैं उनकी पेंशन से ही घर का गुजारा होता है।

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