नई दिल्लीएक दिन पहले
आज वर्ल्ड टेलीविजन डे है। 25 साल पहले (1996) आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र ने वर्ल्ड टेलीविजन डे का ऐलान किया था। हम इस खबर में आपको टीवी के इतिहास या इसे बनाने वाले लोगों के बारे में नहीं बता रहे, बल्कि हम तो आपको ये बता रहे हैं कि अपने लिए स्मार्ट टीवी का सिलेक्शन कैसे करें? यानी बाजार में जो स्मार्ट टीवी की भरमार है उसमें से बेस्ट कैसे चुनें।
…तो चलिए टीवी खरीदने से जुड़ी जरूरी बातें जानते हैं-
टीवी खरीदते वक्त उसके डिस्प्ले क्वालिटी का पूरा ध्यान रखें। इस मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए। यदि आपने बड़े साइज का टीवी खरीद लिया है, लेकिन वो फुल HD या 4K नहीं है, तब उस पर वीडियो देखने का मजा किरकिरा हो सकता है। इतना ही नहीं, यदि टीवी HD है तो वो फुल HD या 4K वीडियो सपोर्ट नहीं करेगा। HD से तुलना में 4K की क्वालिटी आठ गुना बेहतर होती है। भारतीय बाजार में शाओमी, रियलमी, आईटेल, ब्लॉपंक्ट समेत कई कंपनियां बेहद कम दाम में 4K टीवी दे रही हैं। 43-इंच के बड़े डिस्प्ले वाला 4K टीवी करीब 35 से 40 हजार रुपए में आ जाता है।
- 3D टीवी मार्केट में काफी पहले से आ चुके हैं। इन पर 3D मूवी या वीडियो का मजा 3D गॉगल से लिया जाता है। हालांकि लंबे समय के बाद भी 3D टीवी की डिमांड बढ़ी नहीं है। उल्टा स्मार्ट टीवी ने इनकी डिमांड को घटा दिया है। इसके बाद भी आप 3D टीवी खरीदना चाहते हैं तो एक सवाल का जवाब जरूर तलाशें- क्या 3D टीवी के लिए पर्याप्त कंटेंट उपलब्ध है?
- यूट्यूब और अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइट्स पर 3D कंटेंट उपलब्ध है, कई गेमिंग कंसोल भी 3D कंटेंट पर काम करते हैं। हालांकि 3D मूवीज की संख्या काफी कम हैं। इसमें भी दो तरह के 3D टीवी आते हैं। पहला एक्टिव और दूसरा पैसिव।
- एक्टिव 3D टीवी: ये बैटरी पावर 3D ग्लासेज का इस्तेमाल करते हैं, इन्हें टीवी से सिंक्रोनाइज करना होता है। ये ग्लासेज टीवी के साथ कॉस्ट को बढ़ा देते हैं। इन्हें खरीदने के लिए टीवी के साथ 5 से 9 हजार रुपए ज्यादा देने होंगे। इसमें एक या दो पेयर ही दिए जाते हैं।
- पैसिव 3D टीवी: कई 3D टीवी पोलराइज्ड ग्लास का इस्तेमाल करते हैं। ये आंखों पर भी आसानी से फिट हो जाते हैं और सस्ते भी होते हैं। हालांकि क्वालिटी में थोड़ा अंतर आता है। अगर आपका बजट लिमिटेड है तो पैसिव 3D टीवी अच्छा विकल्प हो सकता है।
- स्मार्ट टीवी अब लगातार पतले होते जा रहे हैं। ऐसे में स्पीकर्स छोटे और हल्के हो गए हैं। अगर आप फ्लैट पैनल का टीवी ले रहे हैं तो 5 से 10 वॉट के स्पीकर्स लगे होंगे। ये छोटे कमरे के लिए तो ठीक हैं, लेकिन अगर हॉल में टीवी लगा रहे हैं तो ये ओवरऑल एक्सपीरियंस के लिए कम हो सकता है। ऐसे में पोर्टेबल स्पीकर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- स्पीकर्स कई सराउंड बॉक्स के साथ आते हैं। जैसे, 5.1 स्पीकर में 5 अलग-अलग स्पीकर बॉक्स होंगे जो एक सिस्टम पर काम करेंगे। इनमें 5 अलग डायरेक्शन से आवाज आएगी। ऐसे ही 2.1, 3.1, 7.1 स्पीकर्स आते हैं। अगर आप होम थिएटर सिस्टम के बारे में सोच रहे हैं तो JBL, पोर्ट्रोनिक्स जैसी कंपनी के स्पीकर्स बेहतर हो सकते हैं। इन्हें अपने टीवी से कनेक्ट कीजिए और मल्टी सिस्टम स्पीकर्स थिएटर जैसी साउंड क्वालिटी देंगे।
स्मार्ट टीवी लेने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसमें कनेक्टिविटी के मल्टी ऑप्शन मिलते हैं। आपको स्मार्ट टीवी लेना है तो कुछ सवालों को ध्यान में रखकर ही शोरूम जाएं। जैसे, क्या टीवी हार्ड डिस्क सपोर्ट करेगा? क्या टीवी MP4, AVI, MKV जैसे कॉमन वीडियो फॉर्मेट्स को सपोर्ट करेगा? क्या HD कंटेंट ऑनलाइन देखने पर डिस्प्ले क्वालिटी पर असर पड़ेगा? क्या USB से फाइल प्ले करने में टाइम लगेगा? टीवी खरीदने से पहले एक बार USB प्लेबैक परफॉर्मेंस चेक करना चाहिए। ऐसे में टीवी कितना टाइम लगा रहा है, ये पता चल जाएगा।
एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले टीवी पर अलग से कई ऐप्स इंस्टॉल किए जा सकते हैं। इनमें इंटरनेट के लिए वाई-फाई, इथरनेट जैसे फीचर्स होते हैं। इसके अलावा, मोशन सेंसर भी हैं जो गेम्स खेलने के लिए काम में आते हैं। कुछ टीवी में USB पोर्ट होता है जिससे कीबोर्ड कनेक्ट किया जा सकता है। ये वेबकैम और माइक कनेक्ट करने के काम भी आता है। इसमें ब्लूटूथ की मदद से वायरलेस डिवाइस भी कनेक्ट किया जा सकता है।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.