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- Mukesh Ambani May Divide The Legacy Among Three Superstar Businesses Before Passing It On To The Next Generation
2 दिन पहलेलेखक: एंडी मुखर्जी
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एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी अपनी 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की विशाल व्यावसायिक विरासत को अगली पीढ़ी को कैसे हस्तांतरित करेंगे, इस पर आने वाले वर्षों में बहुत से लोगों की निगाहें होंगी। इस ‘महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन’ के तरीके को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि एक बात तय है कि यह बहुप्रतीक्षित कॉरपोरेट विरासत हस्तांतरण कम से कम तीन सुपरस्टार बिजनेस तैयार करके होगा।
बिना किसी विवाद के विरासत को उत्तराधिकारियों को सौंपना महत्वपूर्ण
64 साल के हो चुके मुकेश अंबानी के लिए बगैर किसी विवाद के, सहजता से अपनी विरासत को अपने उत्तराधिकारियों को सौंपना बहुत ही महत्वपूर्ण है। पिता धीरूभाई अंबानी का 2002 में बगैर वसीयत किए और बगैर बंटवारा किए निधन हो गया था। इसके बाद छोटे भाई अनिल अंबानी के साथ संपत्ति को लेकर हुए विवाद को वे दोहराना नहीं चाहेंगे। ऐसी किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए समूह की फ्लैगशिप कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री को एक ट्रस्ट जैसे स्ट्रक्चर में तब्दील करने पर भी विचार किया जा सकता है।
लमार्ट इंक. के वाल्टन परिवार जैसा तरीका अपना सकते हैं अंबानी
इस संबंध में ब्लूमबर्ग ने खबर भी दी थी कि मुकेश अंबानी अपनी संपत्ति के बंटवारे के लिए वालमार्ट इंक. के वाल्टन परिवार जैसा तरीका अपना सकते हैं। इस संभावित ट्रस्ट के बोर्ड में मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता और उनके तीन बच्चे आकाश, ईशा और अनंत शामिल हो सकते हैं। पूरा परिवार संयुक्त रूप से पूरे साम्राज्य को देखे। यह मौजूदा ऑयल और पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम व रिटेल बिजनेस को विभाजित करने का बेहतर विकल्प हो सकता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि रिलायंस वर्तमान में पारंपरिक ईंधन से क्लीन एनर्जी की ओर जा रही है। इस दिशा में काफी निवेश किया जा चुका है। सैनफोर्ड सी. बर्नस्टेन के एनालिस्ट नील बेवेरिज कहते हैं कि यदि रिलायंस ऐसा कर पाई तो वैल्यू क्रिएशन व कमाई की ज्यादा संभावनाएं होंगी। जिस प्रकार ऑयल रिफाइनरियों की कमाई ने रिलायंस को देश की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी बनाने में मदद की है उसी प्रकार अगली पीढ़ी के लिए अगले दशकों में ये काम ग्रीन एनर्जी, रिटेल और डिजिटल बिजनेस करेंगे।
मोबाइल इंटरनेट, रिटेल व न्यू एनर्जी तीनों ही सुपरस्टार के मजबूत उम्मीदवार
गूगल के साथ पार्टनरशिप कर चुका रिलायंस का जियो प्लेटफार्म लिमिटेड मजबूत स्थिति में है। हालांकि रिटेल में रिलायंस की राह आसान नहीं है। रिलायंस के रिटेल बिजनेस को मुख्य रूप से अमेजन से टक्कर मिल रही है। फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण का मामला अटक गया है। वहीं न्यू एनर्जी में उन्हें गौतम अदाणी से मुकाबला करना होगा। अदाणी 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े रिन्युएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनना चाहते हैं। अंबानी ने अगले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में 74.3 हजार करोड़ निवेश की योजना बनाई है और कई अधिग्रहण करके अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं।
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