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- Supreme Court Allows Vedanta To Operate Oxygen Production Unit At Its Sterlite Copper Plant In Tuticorin
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नई दिल्ली2 दिन पहले
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश राष्ट्रीय संकट से गुजर रहा है, ऐसे में वेदांता में ऑक्सीजन बनाए जाने पर किसी तरह का राजनीतिक लड़ाई-झगड़ा नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में चल रही ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता के ऑक्सीजन प्लांट को दोबारा खोलने की मंजूरी दे दी है। अदालत ने देश की जरूरत को देखते हुए ये फैसला लिया है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता को हिदायत भी दी है कि प्लांट खोलने के ऑर्डर की आड़ में वो कॉपर प्रोडक्शन का काम नहीं कर सकती है।
प्लांट खोलने पर सियासी झगड़ा न हो- सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि देश राष्ट्रीय संकट से गुजर रहा है, ऐसे में वेदांता में ऑक्सीजन बनाए जाने पर किसी तरह का राजनीतिक लड़ाई-झगड़ा नहीं होना चाहिए। इस फैसले से वेदांता को किसी तरह का फेवर नहीं मिलने वाला। तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिए कि वह एक पैनल बनाए, जो तूतीकोरन प्लांट में ऑक्सीजन प्रोडक्शन की निगरानी करेगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि हम केवल ऑक्सीजन के प्रोडक्शन की मंजूरी दे रहे हैं। दूसरी चीजों के प्रोडक्शन के लिए इसका इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।
23 अप्रैल को अदालत ने कहा था कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ऑक्सीजन प्रोडक्शन के लिए वेदांता स्टरलाइट कॉपर यूनिट को टेकओवर क्यों नहीं कर लेती है। पर्यावरण को नुकसान के चलते इस प्लांट को मई 2018 में ही बंद कर दिया गया था।
SC में केंद्र, वेदांता और दूसरे पक्षों की दलीलें
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि इस प्लांट में बनाई जाने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई केंद्र की ओर से आवंटित राज्यों को होनी चाहिए।
वेदांता की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि हम केवल ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करना चाहते हैं। हमारी बिजली प्लांट को शुरू करने की कोई योजना नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए बिजली राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। जब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आप कब तक इस प्लांट को शुरू कर सकते हैं? इस पर साल्वे ने उत्तर दिया कि हम 10 दिन में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर सकते हैं।
स्टरलाइट गैस लीक के पीड़ितों के परिवारों की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि वेदांता लगातार गलतियां करता रहा है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस समय मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम केवल ऑक्सीजन प्लांट चलाने की मंजूरी दे रहे हैं।
तमिलनाडु सरकार भी दे चुकी है ऑक्सीजन के उत्पादन को मंजूरी
सोमवार को तमिलनाडु सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग का आयोजन किया था। इसमें वेदांता को 4 महीने तक स्टरलाइट प्लांट में ऑक्सीजन के उत्पादन को मंजूरी दी गई थी। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सरकार ने इस प्लांट में रोजाना 1 हजार टन ऑक्सजीन के उत्पादन की मंजूरी दी थी।
2018 में बंद हुआ था वेदांता का कॉपर प्लांट
तमिलनाडु सरकार ने 2018 में वेदांता का तूतीकोरीन वाला कॉपर प्लांट पर्यावरण से जुड़े कई नियमों के उल्लंघन के चलते बंद करा दिया था। इससे पहले स्थानीय लोगों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 15 दिसंबर को प्लांट शुरू करने की इजाजत दी थी, जिसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
इस प्लांट के खिलाफ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की शिकायत पहले भी हुई थी। इसी वजह से इसे 2013 में भी बंद कराया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे खोला गया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को निर्देश दिए थे कि वो पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करे।
2013 में प्लांट में गैसी लीक हुई थी, हजारों लोग प्रभावित हुए
मार्च 2013 में यहां हुई सल्फर डाई ऑक्साइड लीक ने हजारों लोगों को प्रभावित किया था। इस प्लांट की ऑक्सीजन फैसिलिटी को 2004 में बनाया गया था, वो भी एनवायरमेंट क्लियरेंस लिए बिना। इसकी पुष्टि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के ऑर्डर पर बनाई गई पल्यूशन सेंट्रल बोर्ड कमेटी ने की थी।
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