10 मिनट पहले
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भारत के एशिया कप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीम ने सभी मैचों में टॉस हारे। भले ही ओस हो या न हो, लेकिन टॉस दुबई में बहुत बड़ा फैक्टर है। हर बार टीम को पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी। टीम इंडिया के लिए चीजें तब क्लिक हुईं, जब अफगानिस्तान से उसका मुकाबला हुआ। टीम के प्रदर्शन के बाद कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है। इसमें स्लॉग ओवर्स में गेंदबाजी में सुधार काफी अहम है। भारतीय टीम के प्रदर्शन का एनालिसिस…
आवेश के बाहर होने से तीसरे तेज गेंदबाज की कमी खली
हार्दिक पंड्या ने तेज गेंदबाजी के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत की थी। ओपनिंग मैच में उनकी शॉर्ट-बॉल ट्रिक में पाक बल्लेबाज फंस गए थे। लेकिन जब आवेश खान बीमार होने के कारण नहीं खेल सके और भारत को तीसरे तेज गेंदबाज की बेहद जरूरत महसूस हुई, तब चीजें सही नहीं रही। हार्दिक ने दो मैच में 8 ओवर में 79 रन दिए और महज एक विकेट ले सके। इस वजह से भारत 181 और 173 रन का बचाव नहीं कर सका।
जब तक भारत दीपक चाहर को प्लेइंग इलेवन में लाया, तब तक उसका अभियान खत्म हो चुका था। उम्मीद है कि जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज और टी20 वर्ल्ड कप में टीम में वापसी हो जाएगी। यानी हार्दिक एक बार फिर छठे गेंदबाज के रूप में होंगे, जिसमें वे उत्कृष्ट हैं।
टॉप ऑर्डर की परेशानी कुछ हद तक सुधरी, इससे टीम के मध्यक्रम को मिलेगी मजबूती
कोहली ने शतक का सूखा खत्म किया। रोहित ने श्रीलंका और राहुल ने अफगानिस्तान के खिलाफ अर्धशतक बनाकर फॉर्म हासिल कर ली। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले टॉप ऑर्डर चिंता का विषय था, जो कुछ हद तक सुलझ गया है। टॉप ऑर्डर अगर मजबूत शुरुआत देता है तो मिडिल ऑर्डर को मदद मिलती है।
भारत ने जडेजा की अनुपस्थिति में अक्षर को मौका दिया है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। जडेजा के न होने से भारत को टॉप-6 में कम से कम एक बाएं हाथ के बल्लेबाज को रखना जरूरी था। मजबूरन पंत को रखना पड़ा और कार्तिक को बाहर करना पड़ा। पंत ने महज 14, 17, 20 रन बनाए।
दिनेश कार्तिक ने मिले मौकों का फायदा उठाया।
चहल का वर्ल्ड कप में खेलना तय, सलेक्टर्स को बिश्नोई-अश्विन पर लेना होगा फैसला
चहल के लिए टूर्नामेंट खास नहीं रहा और वे सिर्फ श्रीलंका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सके। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदान पर वे सफल हो सकते हैं। अगर जडेजा टी20 वर्ल्ड कप के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं तो अक्षर उनकी जगह ले सकते हैं।
ऐसे में सलेक्टर्स को अश्विन के अनुभव और युवा बिश्नोई के बीच एक का चयन करना होगा। एशिया कप में मिले सीमित मौकों में दोनों खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। बिश्नोई की गुगली तेज होती है, जिसके सामने पाक बल्लेबाजी संघर्ष करते दिखे। अश्विन ने श्रीलंका के बल्लेबाजों पर लगाम कसी। सलेक्टर्स को इनमें से एक को चुनना आसान नहीं होगा।
युजवेंद्र चहल ने एशिया कप के 4 मैचों में 7.93 की इकोनॉमी रेट से 4 विकेट लिए।
दीपक हुड्डा का सही इस्तेमाल नहीं हुआ
दीपक हुड्डा जडेजा की गैरमौजूदगी में फिनिशर और छठे गेंदबाजी विकल्प थे। लेकिन 3 मैच में सिर्फ एक ओवर फेंका और वह भी अफगानिस्तान के खिलाफ। साथ ही कार्तिक को बाहर रखने का फैसला भी सही नहीं था। कार्तिक को टीम में फिनिशर के रूप में शामिल किया गया था। जब श्रीलंका और पाक के खिलाफ स्लॉग ओवर्स में उनकी जरूरत थी, तब वे नहीं थे।
हालांकि, बाद में रोहित ने समझाया कि हुड्डा से क्यों गेंदबाजी नहीं कराई थी। रोहित ने कहा था कि श्रीलंका के मेंडिस और निसंका ने 11.1 ओवर में 97 रन बना लिए थे। हम नहीं चाहते थे कि वे स्पिन का सामना करें, नहीं तो स्कोर और बड़ा हो जाता। यह बात उचित थी। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ भी हुड्डा से गेंदबाजी नहीं कराई, जबकि फखर जमान ऑफ स्पिन को अच्छे से नहीं खेल पाते हैं।
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