नई दिल्ली2 दिन पहले
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ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए गेमिंग कंपनियों के इन्वेस्टर्स ने सरकार को लेटर लिखा है। 30 डोमेस्टिक और विदेशी गेमिंग इन्वेस्टर्स ने प्रधानमंत्री मोदी को लेटर लिखकर GST काउंसिल के फैसले पर चिंता जताई है।
सेक्टर में अगले 3-4 साल में 4 अरब डॉलर के निवेश पर असर पड़ेगा
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और इससे जुड़े अधिकारियों से मुलाकात की इच्छा भी जताई है और फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। लेटर में इन्वेस्टर्स ने लिखा, ‘GST काउंसिल के फैसले से इस सेक्टर में अगले 3-4 साल में लगभग 4 अरब डॉलर के निवेश पर असर पड़ेगा। इससे भारत में इस सेक्टर की ग्रोथ रुक जाएगी। इसके साथ ही इस फैसले से इस सेक्टर के इनवेस्टर्स के कॉन्फिडेंस में भी कमी आएगी।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक लेटर में निवेशकों ने कहा कि काउंसिल के फैसले में ‘संवैधानिक रूप से संरक्षित लीगल ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री की जुआ, सट्टेबाजी और दूसरे ‘गेम ऑफ चांस’ के साथ गैर जरूरी तुलना की गई है।
भारत को गेमिंग कैपीटल बनाने के सपने पर चोट
PM को लिखे लेटर में इन्वेस्टर्स ने कहा, ‘भारत को गेमिंग कैपीटल’ बनाने के विजन से हमने इस सेक्टर में निवेश किया था। हमारा उद्देश्य देश में हाइ-स्कील्ड जॉब के साथ इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और विजुअल इफेक्ट्स जैसे सेक्टर में रोजगार के नए रास्ते खोलने का था। लेकिन सरकार का यह निर्णय 20.50 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाले क्षेत्र को संकट में डाल दिया है।
50 हजार से ज्यादा हाई-स्किल्ड नौकरियों को नुकसान
निवेशकों ने यह भी कहा कि इस फैसले का गेमिंग इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और लगभग 50 हजार से ज्यादा हाई-स्किल्ड नौकरियों के भी नुकसान होने की आशंका है। साथ ही, 10 लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार पर भी संकट है जो इस खेल उद्योग से इन-डायरेक्ट तौर पर जुड़े हुए हैं। ‘इन्वेस्टर्स ने कहा कि गेमिंग इंडस्ट्री विज्ञापन के लिए 8,198 करोड़ रुपए का खर्च करती है। इसके बंद हो जाने से बड़े मीडिया और एंटरटेनमेंट उद्योग पर भी बहुत बुरा असर पड़ेगा।’
GST में हीं चला जाएगा 50-70% हिस्सा
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यदि हर बार खेले जाने वाले हर एक कॉन्टेस्ट की फेस वैल्यू पर इस तरह से GST लगाया जाएगा, तो कुल GST का बोझ 1100% बढ़ जाएगा। साथ ही एक ही पैसे पर बार-बार टैक्स लगाए जाने के कारण स्थिति ऐसी हो जाएगी कि हर एक रुपए का 50-70% हिस्सा GST में हीं चला जाएगा।
ड्रीम-11 और मोबाइल प्रीमियर लीग के इनवेस्टर्स भी शामिल
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में भारत के 11 इन्वेस्टर्स ने हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें पीक XV पार्टनर्स, क्रिस्कैपिटल, कलारी कैपिटल, लुमिकाई और मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। वहीं 19 विदेशी हस्ताक्षर करने वालों में टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, ट्राइब कैपिटल, रिपब्लिक कैपिटल और टेल्स्ट्रा वेंचर्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट औक पीक-XV ने भारत की गेमिंग कंपनी ड्रीम-11 और मोबाइल प्रीमियर लीग में निवेश किया है।
वित्त मंत्री को भी लिखा था पत्र
पिछले हफ्ते, 100 से ज्यादा गेमिंग फर्मों ने इसी तरह के एक आग्रह पत्र के साथ वित्त मंत्री को GST बढ़ाए जाने के परिणामों के बारे में बताया था। जिसमें कहा गया था कि बढ़ाया गया GST विदेशी निवेश के लिए मुश्किलें पैदा करेगा। यह गेमिंग इंडस्ट्री में पहले से ही इन्वेस्ट किए गए 2,050 करोड़ रुपए को जोखिम में डाल देगा।
IT राज्य मंत्री ने कहा था GST काउंसिल के पास जाएंगे
इससे पहले ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाए जाने के सरकार के फैसले की काफी आलोचना हुई थी। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि वह GST काउंसिल के पास जाएंगे और उनसे दरों से जुड़े इस निर्णय पर फिर से विचार करने का आग्रह करेंगे।
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