रोहतक4 मिनट पहले
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रेसलर्स व बृज भूषण के बीच चल रहे विवाद में रविवार को सोनीपत के गांव मुंडलाना में सर्व समाज की पंचायत आयोजित की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के आह्वान पर हो रही सर्व समाज की बैठक में पहवान, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक व हरियाणा सहिल अन्य प्रदेशों से लोग पहुंचेंगे। इस पंचायत में खिलाड़ी आगे की रणनीति बनाते हुए फैसला लेंगे।
पंचायत के आध्यम से सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाएगा। इससे पहले दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान 4 गवाह भी मिले हैं। वहीं 2 एफआइआर आई सामने जो बृज भूषण के खिलाफ दर्ज करवाई गई थी। इधर, नाबालिग के पिता भी बार-बार गुहार लगाकर अपनी बेटी के लिए न्याय मांग रहे हैं।
टीवी देखते हुए परेशान हुई नाबालिग पहलवान
नाबालिग के पिता ने बताया कि जब पहली बार पहलवान धरने पर बैठे तो यह मामला उनके सामने आया। वे भी कुश्ती से जुड़े हुए हैं, एक-दो कैंप अटेंड किए हैं। परिवार को अधिक जानकारी नहीं होती, क्योंकि जो परेशानी होती है वह बच्चों को होती है। घर पर 18 जनवरी टीवी पर पहलवानों का प्रदर्शन देख रहे थे तो बच्ची डिस्टर्ब हो गई। पूछा तो कहा कोई बात नहीं।
पहलवानो का प्रदर्शन देख रोने लगी बेटी
अगले दिन जब फिर से पहलवानों का प्रदर्शन देख रहते थे तो उसकी बेटी रोने लगी। जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी से पूछा तो नाबालिग ने बताया कि पापा उन पलवानों का तो पता नहीं मेरे साथ भी कुछ चीज गलत हुई हैं। उस समय कुछ चीज शब्द सुना था। कुछ समय के लिए ऐसा लगा कि शरीर में जान ही नहीं हैं। कुछ समय बाद होश में आकर पूछताछ की।
बृज भूषण की हत्या करने का आया गुस्सा
बच्ची ने कुछ ऐसी चीज बताई, तो चकित हो गए कि आधुनिक युग में भी ऐसी बात हो सकती हैं। उस समय इतना गुस्सा आया कि बृज भूषण की हत्या तक कर दूं। कोई भी शुभ काम होता है तो बेटी को आगे रखते हैं। घर की लक्ष्मी के साथ ऐसा होता है तो बच भी क्या गया। ऐसी सोच थी कि बृज भूषण को हाथों से मार दूं, चाहें इसके लिए फांसी चढ़ा दें।
घटना का पता लगने पर शरीर में आया भूकंप
जब बेटी ने इस घटना के बारे में बताया तो अंदर बहुत भूकंप आया। अगर भूकंप बाहर निकल जाए तो पूरा इंडिया मर सकता था। जब इसके बारे में पता लगा तो उसके बाद घर पर बातचीत की। वहीं एक बार तो लगा कि अकेला क्या किया जा सकता है। वहीं पहलवानों का भी धरना बंद हो गया। जिसके कारण मामला रफा-दफा हो गया। इसके बाद बच्ची भी डिप्रेशन में चली गई थी।
नेशनल कैंप में हुआ गलत
उन्होंने बताया कि नेशनल कैंप राची में उसकी बेटी के साथ गलत हुआ। फाइनल कुश्ती बेटी को जान बूझकर हरा दिया गया। उससे पहले बेटी की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था और डॉक्टरों ने घर के काम करने से भी मना कर दिया था, लेकिन बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और कुश्ती में भी कड़ा अभ्यास करके अच्छा मुकाम हासिल किया।
भाई की प्रेस कांफ्रेंस के बाद बेटी का अभ्यास भी छूटा
जिस व्यक्ति ने प्रेस कॉफ्रेंस की वह चाचा नहीं सगा ताऊ है। इस पत्रकार वार्ता के बाद बच्ची डिप्रेशन में हैं और बच्ची कहती है कि अब वह किस मुंह से अभ्यास करने जाएं। जो दस्तावेज दिखाएं, उन पर कहा कि यह कहीं भी नहीं लिखा कि जो रोहतक में पैदा हुआ वह रोहतक में ही मरेगा।
बड़ी बेटी की हो गई थी मौत, छोटी का नाम भी उसके नाम पर ही रखा
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में उनकी बेटी पैदा हुई है। नवंबर-दिसंबर में पंजाब गए थे, उस समय अपनी पत्नी को भी साथ ले गए। वे बस में गए, जिसके कारण बच्ची को ठंड लग गई और उनकी निमोनिया होने के कारण मौत हो गई। काफी दिन तक तो उनकी पत्नी भी डिप्रेशन में चली गई थी। ढाई के बाद डिलीवरी के दौरान फिर प्रेग्नेंट थी और 22 दिसंबर 2006 को वे कार्यक्रम में दिल्ली गई थी। वहां नाच-गाने के दौरान उनकी पत्नी को डिलीवरी हुई और दोस्त के घर बेटी ने जन्म लिया।
7 साल से दोनों भाई अलग
उन्होंने बताया कि अपनी पहली बेटी के नाम पर भी छोटी बेटी का नाम रखा। पिछले 7-8 साल से दोनों का आना-जाना नहीं हैं। अगर वह मेरी बेटी को अपनी बेटी मानता तो वह घर पर आकर भी समझा सकता है। रोहतक के किसी भी थाने में चले जाएं, वहां उसके भाई का नाम आपराधिक वारदात में जरूर पाएगा।
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