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रिलायंस का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस 20 जुलाई को अलग होगा: शेयर होल्डर्स को RIL के एक शेयर के बदले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के एक शेयर मिलेंगे

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नई दिल्ली18 घंटे पहले

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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी RIL का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस ‘स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ गुरुवार (20 जुलाई) को डीमर्जर यानी अलग हो जाएगा। RIL ने फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही के नतीजे से ठीक एक दिन पहले डीमर्जर की डेट तय की है। 21 जुलाई को कंपनी Q1FY24 के नतीजे जारी करेगी।

डीमर्जर के बाद रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का नाम बदलकर ‘जियो फाइनेंशियल सर्विसेज’ हो जाएगा। यह रिलायंस की नई कंपनी होगी। इससे पहले 4 मई 2023 को रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट (RSIL) के डीमर्जर को क्रेडिटर्स और शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दी थी। रिलायंस ने घोषणा की है कि नई कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO हितेश कुमार सेठी होंगे।

इसका रिलायंस के शेयर होल्डर्स पर क्या असर होगा?
कंपनी ने बताया है कि डीमर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर होल्डर्स को हर एक शेयर के बदले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के एक शेयर मिलेंगे। हालांकि, शेयर होल्डर्स के डीमैट अकाउंट में फाइनेंशियल सर्विसेज के स्टॉक कब क्रेडिट होंगे और मार्केट में कब से ट्रेड होंगे इसके बारे में कंपनी ने अभी तक किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी है।

भारत की पांचवीं बड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी बनेगी जियो
मीडिया रिपोर्ट में ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी के हवाले से बताया जा रहा है कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की वैल्यू 1.52 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगी। डीमर्जर के साथ ही यह भारत की पांचवीं सबसे बड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी बन जाएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास पहले से ही एक NBFC लाइसेंस है, जिसका फायदा उसे कंज्यूमर या मर्चेंट लैंडिंग में मिल सकता है।

कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का प्लान
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का प्लान कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की दिग्गज कंपनी मैक्वेरी ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को मार्केट ग्रोथ के मामले में पेटीएम और अन्य फिनटेक कंपनियों के लिए एक बड़ा खतरा बताया था।

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ज्यादातर फिनटेक से अलग होगी, क्योंकि इसके पास बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुंच है। जियो, अलीबाबा, अमेजन, एपल जैसी फाइनेंशियल सर्विसेज ऑफर करने के लिए रियल टाइम में इस डेटा को प्रोसेस और एनालाइज कर सकती है।

पिछले साल मुकेश अंबानी ने किया था ऐलान
पिछले साल मुकेश अंबानी ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को एक अलग यूनिट बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने इस बात की घोषणा करते हुए कहा था कि जियो फाइनेंशियल लिमिटेड टेक्नोलॉजी बेस्ड बिजनेस होगा, जो देशभर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की अवेलेबिलिटी का फायदा उठाकर फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की डिजिटल तरीके से पेशकश करेगा।

फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में ये कंपनियां शामिल
रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड; जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड; रिलांयस रिटेल फाइनेंस लिमिटेट; जियो इंफॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज लिमिटेड; और रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग लिमिटेड का इन्वेस्टमेंट है।

RIL का चौथी तिमाही में 19% बढ़ा नेट प्रॉफिट
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 21 अप्रैल को Q4FY23 यानी चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के रिजल्ट्स अनाउंस किए थे। Q4 में कंपनी का साल-दर-साल (YoY) नेट प्रॉफिट 19.10% बढ़कर 19,299 करोड़ रुपए रहा। यह कंपनी का अब तक का सबसे हाईएस्ट क्वार्टरली नेट प्रॉफिट है।

वहीं, रिलायंस ग्रुप की टेलिकॉम कंपनी जियो (JIO) का नेट प्रॉफिट सालाना (YoY) आधार पर 13% बढ़कर 4,716 करोड़ रुपए रहा। 21 जुलाई को कंपनी Q1FY24 यानी इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे जारी करेगी।

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