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- Achieved A Place In Discus Throw, Family Members Danced In Joy At Home, Drums With Fireworks, Sweetened Mouth By Feeding Laddus, Yogesh Had Paralysis In 2006
झज्जर26 मिनट पहले
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बहादुरगढ़ में योगेश के घर मेडल जीतने के बाद पटाखे फोड़ते हुए।
टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक में बहादुरगढ़ शहर के योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में रजत पदक जीता हैं। योगेश के रजत पदक जीतने की खबर के बाद योगेश के घर में खुशी का माहौल है। घर के बाहर ढोल की थाप पर लोग नाच रहे है। इतना ही नहीं लोगों ने आतिशबाजी भी की। योगेश के परिजनों की खुशी में भाजपाई भी शामिल हुए। बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नरेश कौशिक सहित अन्य भाजपा नेताओं ने योगेश के परिजनों के साथ ढोल की थाप पर नाचते हुए अपनी खुशी का इजहार किया। सभी ने एक-दूसरे को इस खुशी में लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया। बता दें कि योगेश कथूनिया बहादुरगढ़ की रहने वाले है। साल 2006 में योगेश को पैरालाइसिस हुआ था। 2016 में योगेश ने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया। योगेश के दादा हुकम चंद सेना में सूबेदार और पिता सेना में कैप्टन पर पर रहकर देश की सेवा कर चुके है।। परिजनों का कहना था कि उनके बेटे योगेश द्वारा टोक्यो के पैरा ओलम्पिक में रजत पदक जीतने पर बहादुरगढ़ शहर, जिला झज्जर व हरियाणा को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व है। कारण कि योगेश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। परिजनों ने यह भी बताया कि योगेश पिछले डेढ़ साल से प्रैक्टिस क चलते घर नहीं आ सका था। लेकिन अब जब वह घर लौटेगा तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा।
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