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पाक ओपनर को बचाने वाले भारतीय डॉक्टर का इंटरव्यू: डॉ. साहिर बोले- रिजवान सेमीफाइनल खेलने पर अड़े थे; 48 घंटे ICU में रहे, ऊपरवाले पर उनका भरोसा अटूट

दुबई8 मिनट पहले

टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी। इसके बावजूद टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान की दुनियाभर में तारीफ हुई। कारण यह था कि रिजवान मैच से दो दिन पहले दुबई के मिडियोर हॉस्पिटल की ICU में भर्ती थे। वहां केरल के रहने वाले एक भारतीय डॉक्टर साहिर सैनालबदीन ने उनका इलाज किया और उन्हें मैच फिट किया ।

भास्कर ने डॉक्टर साहिर से पूरे वाकये को लेकर विस्तार से बातचीत की। डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने इमरजेंसी केस के रूप में अस्पताल लाए गए रिजवान का इलाज कैसे किया और इस दौरान पाकिस्तानी सितारे से उनकी क्या बात हुई। आप भी पढ़िए…

सवालः एक सेलिब्रिटी क्रिकेटर जब आपके यहां इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हुआ तो क्या आपको किसी तरह का दबाव महसूस हुआ?
जवाबः मेरी पाकिस्तानी टीम के डॉक्टर से बात हुई। उन्होंने मोहम्मद रिजवान की हालत के बारे में बताया। मैंने कहा आप उसे हॉस्पिटलाइज कर दीजिए। मैं उनका अच्छे से अच्छा इलाज करूंगा। मुझे दबाव नहीं, बल्कि जिम्मेदारी महसूस हुई।

सवालः जब रिजवान अस्पताल आए तो सबसे पहले उन्होंने क्या कहा?
जवाबः रिजवान जब यहां आए तो उनका इतना ही कहना था कि मुझे सेमीफाइनल खेलना है। मैंने कहा- मैं तुम्हें खेलते हुए देखना चाहता हूं। उन्हें चेस्ट पेन था, सांस लेने में तकलीफ थी। दर्द की इंटेंसिटी 10 में से 10 थी। इस तरह का दर्द कभी-कभी कॉर्डियक पेशेंट को भी होता है। हमने फौरन डायग्नोसिस किया, बारीकी से सारी जांच हुई। फिर लंग्स में इन्फेक्शन का पता लगा। हमारी पूरी टीम एक्टिव हुई। जब वो ICU में थे, तो मुझे भी यही लग रहा था कि यह खिलाड़ी मैदान पर पहुंच जाए, क्योंकि इतने बड़े टूर्नामेंट के लिए ये लोग जिंदगी भर मेहनत करते हैं और सेमीफाइनल किसी भी टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण मैच होता है।

सवालः रिजवान आखिर इतनी जल्दी कैसे ठीक हो गए?
जवाबः हम लोगों ने रिजवान के लिए वही लाइन ऑफ ट्रीटमेंट फॉलो किया जो कि ऐसी परिस्थितियों में करना चाहिए। मेडिकल साइंस के पास सभी के लिए दवा है, लेकिन दवा देने के बाद अलग-अलग शरीर की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हो सकती हैं। इस मामले में दवाओं ने अपना काम बेहतर ढंग से किया। इसका एक बड़ा कारण रिजवान की लाइफ स्टाइल है। एक्सरसाइज, अच्छी डाइट और बढ़िया रुटीन के चलते उनकी बॉडी में कोई और कॉम्लेक्सिटी नहीं थी, इसलिए दवाओं ने अपना असर जल्दी दिखाया।

दूसरी बात रिजवान स्मोकिंग नहीं करते हैं। यदि ऐसा इन्फेक्शन किसी स्मोकर को होता तो इतनी जल्दी ठीक नहीं होता। ट्रीटमेंट के दौरान मैंने महसूस किया कि रिजवान बहुत आस्तिक हैं और उनका ऊपरवाले में बहुत यकीन है। मैंने उनसे कहा कि जैसा तुम चाहते हो कि तुम जल्दी ठीक होकर अपनी टीम के पास लौट जाओ, वैसे ही मैं भी चाहता हूं। वे 48 घंटे ICU में रहे। हमारे नर्सिंग स्टाफ ने भी पूरा ध्यान रखा। जब सेमीफाइनल में रिजवान खेल रहे थे तो हम सबको भी अच्छा लग रहा था, क्योंकि एक सीरियस पेशेंट का इतना जल्दी रिकवर होना और इस तरह खेल पाना हमारे लिए भी खुशी की बात थी।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में प्रदर्शन

जब मीडिया और सोशल मीडिया तक यह बात पहुंची कि मोहम्मद रिजवान का इलाज मैंने किया तो भारत, पाकिस्तान, यूएस से कई लोगों ने बधाई दी। मेरे लिए भी यह यादगार अनुभव रहा।

सवालः भारत में कोविड की जद में आने के बाद अब कई लोग पोस्ट रिकवरी स्टेज में हैं। उन लोगों ने भी इस तरह के लक्षण झेले हैं। क्या आप उनके लिए कोई टिप्स देना चाहेंगे?
जवाबः जिन्हें कोविड हुआ है, अब वे सांसों की कीमत जरूर पहचानने लगे हैं। ऐसे लोगों को जिन्होंने ब्रीथिंग डिफिकल्टी और चेस्ट पेन झेला है, उन्हें रेग्युलर एक्सरसाइज और डाइट पर ध्यान देना चाहिए। कई लोग होते हैं, जो बीमारी से ठीक होने के बाद पछतावा करते हैं कि मुझे बीमारी क्यों हुई? इतना वक्त अस्पताल में बर्बाद हुआ? लोग आगे निकल गए, मैं पीछे रह गया? अगर आप ऐसा सोचेंगे तो बीमारी आपके दिमाग में बसी रहेगी।

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