15 मिनट पहले
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में टीमों को मैच के दौरान 11 खिलाड़ियों के अलावा 4 अन्य खिलाड़ियों का ऑप्शन दे सकता है। ताकि वह मैच के दौरान प्लेइंग इलेवन में से किसी एक खिलाड़ी को हटाकर चार खिलाड़ियों में से किसी एक को रिप्लेसमेंट के तौर पर मैदान पर उतार सकता है। इसे इम्पैक्ट प्लेयर कहा जाएगा। इम्पैक्ट प्लेयर का उपयोग दोनों टीमें मैच के दौरान एक ही बार कर सकेंगी।
हालांकि इसको लेकर अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। BCCI इसका प्रयोग सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक BCCI ने इस संबंध में सभी स्टेट एसोसिएशन को सर्कुलर भेजा है। चलिए समझते हैं कैसे लागू होगा इम्पैक्ट प्लेयर नियम
- – टॉस से पहले टीमों को 11 प्लेयर के साथ ही चार इम्पैक्ट प्लेयर का नाम भी देना होगा। टीमों को इसकी जानकारी फील्ड अंपायर और फोर्थ अंपायर को देना होगा। मैच के दौरान सस्पेंड किए गए खिलाड़ी की जगह इंपैक्ट प्लेयर का उपयोग नहीं हो सकेग। दोनों पारी के 14वें ओवर से पहले इंपैक्ट खिलाड़ी का उपयोग किया जा सकेगा।
- – जिस खिलाड़ी को मैच के बीच में बाहर कर इम्पैक्ट खिलाड़ी को लाया जाएगा, उस खिलाड़ी को पूरे मैच में दुबारा ग्राउंड के अंदर नहीं लाया जा सकेगा। वह अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में भी फील्डिंग नहीं कर सकता।
- – बल्लेबाजी टीम विकेट गिरने या ब्रेक के दौरान इंपैक्ट खिलाड़ी का उपयोग कर सकेगी। उसे बैटिंग के लिए भेज सकेगी। पर जिस खिलाड़ी के बदले वह शामिल होगा, वह मैच में फील्डिंग के दौरान भी नहीं आ सकेगा।
- – यदि कोई टीम गेंदबाजी के दौरान किसी गेंदबाज के बदले में इम्पैक्ट प्लेयर को लाता है, वह अपने पूरे ओवर भी कर चुका है, तो इसका प्रभाव इम्पैक्ट प्लेयर पर नहीं पड़ेगा। इम्पैक्ट प्लेयर भी 4 ओवर गेंदबाजी कर सकेगा।
- पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तमिलनाडु ने जीता था।
अभी क्या नियम है
अभी टी-20 में टीमों को प्लेइंग इलेवन के खिलाड़ियों के साथ ही 12वें खिलाड़ी का नाम भी देना होता है। 12वें खिलाड़ी का उपयोग फील्डिंग के दौरान टीमें करती है। हालांकि 12वां खिलाड़ी बल्लेबाजी और गेंदबाजी नहीं कर सकता है और न ही विकेटकीपिंग ही कर सकता है।
बिग बैश लीग में लागू है ये नियम
ऑस्ट्रेलिया की टी- 20 लीग बिग बैश में एक्स फैक्टर नाम से यह नियम लागू है। इसमें हर टीम पहली पारी के 10वें ओवर से पहले 12वें या 13वें खिलाड़ी को उपयोग प्लेइंग-11 में कर सकती हैं। इस दौरान बल्लेबाजी ना करने वाले या एक ओवर से अधिक गेंदबाजी ना करने वाले खिलाड़ियों की जगह उन्हें रखा जा सकता है।
बिग बैश क्रिकेट में लागू है एक्स फैक्टर नियम।
ICC का सुपर सब नियम हो चुका है फेल
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने 2005 में एक सुपर सब नियम लागू किया था। इसके तहत टीमों को 12वें खिलाड़ी रखने की अनुमति थी। टीमें मैच के दौरान प्लेइंग इलेवन में किसी एक खिलाड़ी की जगह पर उसका उपयोग कर सकती थी। इस नियम के तहत सुपर सब को केवल एक ही चीज करने की अनुमति होती थी। यानी सुपर सब किसी बल्लेबाज के बदले लाया गया है, तो वह बल्लेबाजी कर सकता था। गेंदबाजी नहीं कर सकता था। अगर गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया है तो वह केवल गेंदबाजी ही कर सकता था। उसे फील्डिंग करने की अनुमति नहीं थी। इस नियम को 9 महीने बाद ही ICC ने खत्म कर दिया था।
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