एक घंटा पहलेलेखक: अभिषेक पाण्डेय
साल 1981, जगह UAE का शारजाह। भारत-पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने थीं, लेकिन ग्राउंड के नाम पर बंजर जमीन, कंक्रीट की पिच और सिंथेटिक सरफेस। दर्शकों के बैठने के लिए मचान बांधा गया था।
आयोजकों को उम्मीद नहीं थी कि इस नुमाइशी मैच को देखने ज्यादा लोग आएंगे, लेकिन वहां 8-10 हजार दर्शक पहुंच गए। इस मैच की कामयाबी ने UAE में क्रिकेट की लोकप्रियता की नींव रखी, जिसकी तब खुद की टीम तक नहीं थी।
एक साल बाद उस बंजर जमीन पर हरा-भरा क्रिकेट स्टेडियम बनकर तैयार हो गया। इतना ही नहीं उसके बाद के आने वाले वर्षों में UAE में दो और हरे-भरे वर्ल्ड लेवल के क्रिकेट स्टेडियम बन गए। आज उन्हीं में से एक दुबई स्टेडियम में भारत-पाक फिर से आमने-सामने हैं।
इस एक्सप्लेनर में हम जानेंगे कि आखिर रेगिस्तान वाले UAE में तीन बेहतरीन हरे-भरे क्रिकेट स्टेडियम कैसे बने, एक खाड़ी देश क्रिकेट के लिए दीवाना कैसे हुआ…
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से लाई गई चिकनी मिट्टी
UAE में क्रिकेट स्टेडिम बनाना मुश्किल टास्क था। खासतौर से दो वजहों से- एक वहां गर्मी ज्यादा पड़ती है और दूसरा- रेगिस्तानी इलाका होने की वजह से मैदान बनाने लायक जगह ही नहीं थी।
इसके लिए काफी रिसर्च किया गया। फिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चिनाब और रावी नदी के बीच बसे गुजरावाला जिले के नंदीपुर इलाके से मिट्टी मंगाई गई। दो नदियों से घिरे इस इलाके की उपजाऊ जमीन में 66% क्ले यानी चिकनी मिट्टी है।
इस मिट्टी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई लैबोरेटरी में रिसर्च किया गया, तो पता चला कि यह ऑस्ट्रेलिया की मिट्टी से काफी हद तक मिलती है। यानी क्रिकेट के लिए मनमाफिक मिट्टी। इस मिट्टी से शारजाह में क्रिकेट की पिच तैयार की गई।
अब जरूरत थी घास की ताकि पिच में नमी बनी रहे। इसके लिए अमेरिका के एर्नी एल्स गोल्फ कोर्स से घास मंगाई गई। मैदान को हरा-भरा बनाने के लिए ग्राउंड पर चारों तरफ 200 मिमी मोटी नंदीपुर की मिट्टी की परत बिछाई गई। इसके ऊपर टिफवे 419 घास का इस्तेमाल किया गया।
यह गहरे हरे रंग की बरमूडा घास होती है। इसकी पत्तियां घनी और मुलायम होती हैं। जिसके चलते ये घास आसानी से उखड़ती नहीं है। इतना ही नहीं ये घास तेज गर्मी और मौसम की नमी को आसानी से झेल लेती है। इसकी जड़ें 2 फीट गहरी तक होती हैं, इसलिए यह मैदान की मिट्टी को बांधकर रखती है।
1982 में UAE का पहला क्रिकेट स्टेडियम शारजाह में बना। यहां पहला इंटरनेशनल मैच 1984 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच वनडे मैच के रूप में खेला गया। इसके बाद 2004 में UAE के अबू धाबी में और 2009 में दुबई में दो और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बने। इन दोनों स्टेडियमों के पिच और मैदान बनाने के लिए भी शारजाह वाली टेक्निक का ही इस्तेमाल किया गया।
अंग्रेज लाए थे UAE में क्रिकेट, भारत-पाकिस्तान के लोगों ने बनाया लोकप्रिय
UAE की कुल आबादी में वहां के मूल लोग महज 20% हैं। भारत-पाकिस्तान मूल के लोगों की आबादी करीब 50% है। भारत-पाक प्रवासियों की संख्या बढ़ने से ही क्रिकेट यहां का सबसे लोकप्रिय खेल बना।
UAE में पहली बार क्रिकेट की एंट्री 19वीं सदी में अंग्रेजों के जरिए हुई थी। उस समय UAE पर अंग्रेजों का कब्जा था और उसे ट्रुशियल स्टेट्स के नाम से जाना जाता था।
तब अंग्रेज फौज के जवान देशभर में बने मिलिट्री बेस में शौकिया तौर पर क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन अंग्रेजों से UAE के आम लोगों तक क्रिकेट पहुंचने की एक अलग कहानी है।
19वीं सदी में रोजगार और रोजी-रोटी की तलाश में बड़ी संख्या में भारत-पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे भारतीय-उमहाद्वीप के देशों के लोग UAE पहुंचने लगे थे। क्रिकेट इन्हीं लोगों के जरिए UAE में लोकप्रिय हुआ।
1971 में UAE अंग्रेजों से आजाद हुआ, लेकिन उससे 2 साल पहले ही वहां क्रिकेट क्लब बन चुका था। नाम था दार्जिलिंग क्रिकेट क्लब। इसे बनाने का श्रेय भी भारत-पाकिस्तान के लोगों को ही जाता है। इसके बाद वहां क्रिकेट और लोकप्रिय होते गया।
इसकी बानगी 1977 में तब देखने को मिली, जब स्टार लोकल प्लेयर्स और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की शारजाह आई टीम के बीच एक मैच खेला गया। इस मैच को देखने 3 हजार दर्शक पहुंचे, जिनमें शेख सुल्तान बिन मोहम्मद कासिमी भी शामिल थे।
एक बिजनेसमैन, जिसे फादर ऑफ UAE क्रिकेट कहा जाता है
यहां की बंजर जमीन पर हरे-भरे स्टेडियमों के लहलहाने का श्रेय जाता है- अब्दुल रहमान बुखातिर को। रहमान UAE के सबसे बड़े बिजनेसमैन में से एक हैं। बुखातिर ग्रुप के नाम से उनका बिजनेस अब रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, आईटी, हेल्थ केयर, ऑयल एंड गैस से लेकर स्पोर्ट्स और लेजर तक तमाम क्षेत्रों में फैला है।
रहमान का बचपन पाकिस्तान में बीता। कराची में स्कूल के दिनों में उनके मन में क्रिकेट के लिए प्यार जन्मा।
1970 के दशक में UAE में क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को रहमान भांप गए थे कि वहां क्रिकेट का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। इसी वजह से प्रवासियों के लिए 1974 में उन्होंने शारजाह में बुखातिर लीग शुरू की थी।
अब्दुल रहमान बुखातिर (बीच में) UAE में पाक और न्यूजीलैंड के एक वनडे मैच के दौरान पूर्व पाक क्रिकेटर मोईन अली के साथ।
1981 में शारजाह में हुए गावस्कर इलेवन और जावेद मियांदद इलेवन मैच में मियांदाद इलेवन की जीत हुई थी।
अब ग्राफिक के जरिए जानिए तीनों स्टेडियम के बारे में जान लीजिए
UAE में अंग्रेजों के खेलने से क्रिकेट के लोकप्रिय होने का टाइमलाइन
1892: अंग्रेज फौजी मिलिट्री बेसेज में अक्सर क्रिकेट खेला करते थे। उस समय UAE अंग्रेजों के कब्जे में था।
1969: भारतीय प्रवासियों ने दार्जिलिंग क्रिकेट क्लब बनाया। क्लब के खिलाड़ी रेत के मैदान और सीमेंट से बनी पिच पर क्रिकेट खेलते थे।
1974: UAE के बिजनेसमैन अब्दुल रहमान बुखातिर ने प्रवासियों के लिए बुखातिर लीग नाम से क्रिकेट लीग शुरू की
1977: लोकल प्लेयर्स और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस टीम के बीच शारजाह में हुए मैच को देखने शेख सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी समेत 3000 लोग पहुंचे
1981: शारजाह में सुनील गावस्कर इलेवन vs जावेद मियांदाद इलेवन का मैच देखने 8,000 से ज्यादा लोग पहुंचे।
1982: UAE का पहला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम शारजाह में बनकर तैयार हुआ।
1984: शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में पहला इंटरनेशनल मैच खेला गया।
1984: शारजाह में पहले एशिया कप का आयोजन, भारत बना चैंपियन।
1985 में शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में बैटिंग करते अब्दुल रहमान बुखातिर। UAE को क्रिकेट हब बनाने का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है।
1989: एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड का गठन, ICC का एफिलिएट मेंबर बना।
1994: UAE ने पहली बार ICC वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई किया।
1995: UAE में दूसरी बार एशिया कप का आयोजन, शारजाह में हुए मैच।
1996: UAE की टीम ने अपना पहला ICC वर्ल्ड कप खेला, नीदरलैंड को हराकर पहली बार वनडे जीता।
2005: ICC ने लंदन से अपना हेडक्वॉर्टर दुबई शिफ्ट किया।
दुबई के स्पोर्ट्स सिटी में स्थित ICC का हेडक्वॉर्टर।
2006: अबू-धाबी के शेख जाएद क्रिकेट स्टेडियम में पहला इंटरनेशनल मैच खेला गया।
2009: दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में पहला इंटरनेशनल मैच खेला गया।
2014: भारत में लोकसभा चुनावों की वजह से पहली बार UAE ने IPL मैचों की मेजबानी की।
2015: 19 साल बाद UAE की टीम दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खेली।
खुर्रम खान को UAE का सबसे महान क्रिकेटर माना जाता है। 2014 में 43 साल की उम्र में शतक जड़कर वनडे इतिहास में सबसे उम्रदराज शतकवीर बने थे।
2017: UAE ने अपनी पहली फ्रेंचाइजी आधारित क्रिकेट लीग-T10 लॉन्च की।
2018: UAE में एशिया कप का आयोजन, जिसमें भारत, बांग्लादेश को हराकर चैंपियन बना।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने दुबई में खेले गए फाइनल में बांग्लादेश को हराकर सातवीं बार एशिया कब जीता था।
2022: UAE में चौथी बार एशिया कप का आयोजन।
UAE रहा है भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे जोरदार भिड़ंत का गवाह
1984: एशिया कप की पहली भिड़ंत में भारत ने पाकिस्तान को दी थी मात
13 अप्रैल 1984 को शारजाह में हुए एशिया कप मैच में गावस्कर की कप्तानी में भारत ने 46 ओवर में 188/4 का स्कोर बनाया। जवाब में पाक की टीम 39.4 ओवर में 134 रन पर सिमट गई।
1985: भारत ने 125 रन पर सिमटने के बावजूद पाकिस्तान को धोया
22 मार्च 1985 को रोथमोंस फॉर-नेशंस कप में खेले गए मैच में भारत 125 रन पर सिमट गया। इमरान खान ने पाक के लिए 14 रन देकर 6 विकेट लिए। जवाब में पाकिस्तानी टीम 87 रन पर सिमट गई। कपिल देव ने 17 रन देकर 3 विकेट झटके।
1986: शारजाह में मियांदाद के आखिरी गेंद पर छक्के से हारा था भारत
पाकिस्तान को भारत से जीत के लिए 246 रन का लक्ष्य मिला। जवाब में मियांदाद ने 116 रन की नाबाद शतकीय पारी खेली। आखिरी गेंद पर पाक को 4 रन चाहिए थे और मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का जड़ दिया था।
2018: एशिया कप में भारत ने दो बार पाकिस्तान को दी मात
ग्रुप मैच में भारत ने पाकिस्तान को 8 विकेट से हराया था। फिर सुपर- 4 में पाकिस्तान के 237 रन के जवाब में भारत ने धवन (114) के शतक की मदद से 9 विकेट से जीत दर्ज की। दोनों मैच दुबई में हुए थे।
भारत-पाक मैच का एक रोचक फैक्ट ये भी…
भारत-पाकिस्तान एशिया कप में 14 बार भिड़ चुके हैं, लेकिन फाइनल में कभी नहीं भिड़े।
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