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- In The House Of Hockey Player Sharmila’s Village Camry And Udita At Hisar Police Line, The Family Said Salute To The Daughters… Won Heart Even In Defeat
हिसार2 दिन पहलेलेखक: महबूब अली
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हॉकी मैच में भारत के पहले गोल पर कैमरी गांव में खुशी का इजहार करते शर्मिला के परिजन।
- टाेक्याे में भारतीय महिला हाॅकी टीम का ब्रिटेन के साथ राेचक मुकाबला, आखिर तक कड़ी टक्कर दी, 4-3 से टीम पिछड़ी, चाैथे स्थान पर रिकॉर्ड
टोक्यो ओलिंपिक में देश की हॉकी टीमों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। शुक्रवार को इंडियन वुमन हाॅकी टीम का मुकाबला ब्रिटेन की टीम से था। मैच देखने के लिए हॉकी खेल प्रेमियों में खासा उत्साह दिखा। हॉकी खिलाड़ियों के घरों पर सुबह से ही हॉकी मैच को लेकर खासा उत्साह नजर आया। हर किसी की आंखें टीवी के स्क्रीन पर थीं। बेटियों का हौसले अफजाई करते दिखे। खेल मुकाबला कांटे का रहा।
महिला हॉकी टीम को भले ही मेडल नसीब नहीं हुआ, लेकिन शानदार खेल का प्रदर्शन कर देशवासियों का जीत लिया। हर किसी ने कहा – हार में भी जीत का हाैसला देने वाली प्रेरणा छिपी है। जीत हाॅकी के प्रति नजरिया बदलने की, कराेड़ाें देशवासियाें के दिलाें में उम्मीद जगाने की जीत है।
कैमरी गांव : शर्मिला के पिता बोले- टीम ने सराहनीय खेल खेला
सुबह करीब 6:55 बजे गांव की गली में सन्नाटा सा। अधिकतर लाेग घराें के अंदर ही थे। एक घर से टीवी काॅमेंट्री की तेज आवाज आ रही थी। यकीन हाे गया कि इंडियन नेशनल हाॅकी टीम की प्लेयर शर्मिला का घर यही हाेगा। अंदर दाखिल हुए ताे एक बड़े कमरे में टीवी ऑन था। शर्मिला के पापा सुरेश, भाई मान सिंह, मां संताेष, मान सिंह की पत्नी पूजा, दादा सिराज की नजरें टीवी स्क्रीन पर थीं और उनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही थी। मैच शुरू हाे चुका था। शर्मिला के पिता सुरेश ने कहा कि आज ताे बेटियां हर हाल में जीतेंगी।
भारत की तरफ से पहला गाेल हाेते ही शर्मिला के परिजन खुशी से उछल पड़े। मैच के तीसरे राउंड तक धड़कनें तेज हाे चुकी थीं। मैच 3-3 से बराबरी पर था। कुछ देर बाद ब्रिटेन की खिलाड़ी ने एक और गोल किया। मैच में जब जब इंडियन प्लेयर गेंद काे ब्रिटेन के गाेल पाेस्ट के करीब ले जाती ताे हर शख्स की धड़कनें तेज हाे जातीं। शर्मिला के पिता सुरेश और भाई मान सिंह दाेनाें मन ही मन भगवान से टीम की जीत की कामना कर रहे थे। हालांकि चाैथे राउंड में टीम 4-3 से पिछड़ गई। शर्मिला के पिता सुरेश ने कहा कि भारतीय टीम ने चाैथा स्थान पाकर दिल जीत लिया है। पहली बार भारतीय टीम सेमीफाइनल के बाद तक पहुंची। भारतीय टीम ने सराहनीय खेल खेला है।
हिसार पुलिस लाइन में उदिता का आवास
सुबह पूजा अर्चना करने के बाद सात बजते ही उदिता की मां गीता, भाई माेनू, बहन माेंटी दूहन, पड़ाेसी अनिता सिवाच, कृष्णा चहल और कुलदीप सिवाच मैच देखने बैठ गए। सभी ने एक सुर में कहा कि आज बेटियां शानदार खेल की बदाैलत भारत काे जरूर जीत दिलाएंगी। सभी की नजरें टीवी स्क्रीन पर थी। शर्मिला की मां और बहन भगवान से भी भारतीय टीम की जीत के लिए प्रार्थना कर रही थीं।
भारतीय टीम के पहला गाेल दागते ही सभी ने ताली बजानी शुरू कर दी। कहा कि शाबाश बेटी। तीसरे राउंड तक दाेनाें टीमें 3-3 की बराबरी थी। उदिता काे येलाे कार्ड मिलने पर परिजन उदास हाे गए। क्याेंकि येलाे कार्ड मिलने पर उसे बाहर बैठा दिया गया था। अंतिम 20 सेकेंड तक परिजनाें काे उम्मीद थी कि टीम जीत जाएगी। मगर अंत में हार का सामना करना पड़ा। शर्मिला की मां गीता ने कहा कि बेटियाें ने शानदार प्रदर्शन किया। जिसकी बदाैलत भारत पहली बार चाैथे स्थान पर रही। खेल में हार-जीत ताे चलती रहती है मगर भारतीय टीम ने हर किसी का दिल जीत लिया। अंतिम क्षणाें तक बेटियाें ने हिम्मत नहीं हारीं।
कोच बोले- टीम का हौसला बढ़ेगा
भारतीय टीम की सदस्य उदिता, सविता और शर्मिला के काेच आजाद सिंह मलिक, प्रवीणा सिहाग का कहना है कि भारतीय टीम ने शानदार खेल खेला। टाेक्याे ओलिंपिक में चाैथे स्थान पर रहने के बावजूद भारतीय टीम ने रिकॉर्ड कायम कर भारत का नाम राेशन किया है। इससे भातीय हाॅकी टीम का हाैसला और भी अधिक बढ़ेगा। टीम काे इसका फायदा आने वाले दिनाें में हाेने वाले मैचाें में भी हाेगा।
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