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- Jamaican Sprinter, Who Won 8 Olympic Gold, Said – Cricket Coach Had Sent It To Athletics, Then What Happened Is History
10 मिनट पहले
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दुनिया के ऑल टाइम ग्रेटेस्ट स्प्रिंटर कहे जाने वाले उसैन बोल्ट अपनी कामयाबी के पीछे क्रिकेट का बड़ा रोल मानते हैं। जमैका के इस लिविंग लिजेंड ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे एथलेटिक्स में इसलिए जा पाए क्योंकि वे क्रिकेट खेलते थे। एक दिन क्रिकेट कोच ने उन्हें रनिंग में करियर बनाने की सलाह दी।
बोल्ट ने इस सलाह पर अमल किया और इसका नतीजा क्या रहा इससे पूरी दुनिया वाकिफ है। 8 ओलिंपिक गोल्ड मेडल और 11 वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडल। स्प्रिंट यानी छोटी दूरी की दौर में ऐसी कामयाबी बोल्ट से पहले किसी ने नहीं हासिल की थी। आगे भी कोई इस मुकाम तक पहुंच पाएगी इसकी संभावना भी काफी कम है।
पिता क्रिकेट के दीवाने थे तो बोल्ट को भी खेल से लगाव हो गया
बोल्ट ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में खेल पत्रकार अयाज मेमन से बातचीत में कहा कि उनके देश जमैका में ज्यादातर लोग या तो क्रिकेट या फिर फुटबॉल को पसंद करते थे। बोल्ट के पिता क्रिकेट के दीवाने थे। उनको देखकर बोल्ट भी क्रिकेट से प्यार करने लगे।
वे क्रिकेट खेलते भी थे। उनकी तेज रनिंग को देखकर एक दिन उनके क्रिकेट कोच ने उन्हें स्प्रिंटिंग करने की सलाह दी। यहीं से बोल्ट का जीवन बदल गया। वे ट्रैक पर उतरे और आने वाले वर्षों में इंसानी तेजी से जुड़े तमाम वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।
अपनी कसौटी पर खरा उतरना सबसे बड़ा मोटिवेशनमेमन
इंटरव्यू के दौरान बोल्ट से पूछा कि उनके करियर में सबसे बड़ा मोटिवेशन क्या रहा। इसके जवाब में दिग्गज एथलीट ने कहा- बहुत से लोग सोचते हैं कि परिवार के लिए कुछ करूं। कुछ लोग देश के लिए कामयाबी हासिल करना चाहते हैं। लेकिन, मैं अपने लिए कुछ करना चाहता था।
मुझे शुरुआत में ही अहसास हो गया था कि अगर मैं फिट रहा और पूरी मेहनत की तो बहुत कुछ हासिल कर सकता हूं। मैंने अपने लिए स्टैंडर्ड तय किए और उस पर खरा उतरने की कोशिश करता था। यही मेरे लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन रहा।
बाएं पैर का जूता दाएं पैर में पहन बैठे फिर भी जीते
बोल्ट से जब यह पूछा गया कि उन्हें आखिर कब लगा कि वे इंटरनेशनल लेवल पर कामयाबी हासिल कर सकते हैं तो उन्होंने इसका बेहद रोचक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2002 में किंग्सटन में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान घरेलू दर्शकों के सामने वे नर्वस हो गए थे। तब उनकी उम्र महज 15 साल थी।
वे रेस से ठीक पहले गलती से बाएं पैर का जूता दाएं पैर में और दाएं पैर का जूता बाएं पैर में पहन बैठे थे। इसके बावजूद उन्होंने पहला स्थान हासिल किया। बोल्ट ने कहा- उस दिन मुझे अहसास हुआ कि मैं दुनिया जीत सकता हूं। जब गलत पैर के जूते मुझे जीतने से नहीं रोक सकते तो फिर मुझे कुछ भी नहीं रोक सकता।
फेवरेट क्रिकेटर ब्रायन लारा, फेवरेट फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो
इंटरव्यू के आखिरी सेक्शन में मेमन से बोल्ट से कई क्विक फायर सवाल पूछे। इन सवालों का भी उन्होंने अपने अंदाज में रोचक जवाब दिया। बोल्ट से सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा में से एक फेवरेट क्रिकेटर चुनने को कहा गया।
बोल्ट ने कहा कि लारा उनके अपने कैरेबियन स्टार हैं इसलिए वे उन्हें चुनेंगे। मेसी और रोनाल्डो में बोल्ट ने रोनाल्डो को चुना। आखिरी सवाल यह था कि वे खुद को और दिग्गज तैराक अमेरिका के माइकल फेल्प्स में से किसे बड़ा स्टार मानते हैं। बोल्ट ने मजाकिया अंदाज में कहा- यूसेन बोल्ट सबसे बड़ा स्टार है।
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