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- FIFA World Cup Final Special Story; Argentina Vs France Head to head In Football
स्पोर्ट्स डेस्क6 मिनट पहले
फीफा वर्ल्ड कप में दुनिया के सभी कंटिनेंट की टीमें हिस्सा लेती हैं। लेकिन, जब बारी खिताब जीतने की आती है तो मामला यूरोप और लैटिन अमेरिका तक सीमित हो जाता है। अब तक हुए 21 वर्ल्ड कप में धरती के इन्हीं दो हिस्सों के मुल्कों ने ट्रॉफी अपने नाम की है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में यूरोप भारी पड़ता रहा है।
पिछले लगातार पांच खिताब यूरोप के नाम ही रहे हैं। इस बार भी फाइनल मुकाबला यूरोप और लैटिन अमेरिका के बीच होना है। एक तरफ फ्रांस तो दूसरी तरह अर्जेंटीना। अब सवाल उठता है कि क्या इस बार लियोनल मेसी का जादू यूरोप का तिलिस्म तोड़ने में कामयाब रहेगा? इस सवाल का जवाब आगे जानने की कोशिश करेंगे।
उससे पहले देखते हैं कि अब तक किस कंटीनेंट ने कितने खिताब जीते हैं
यूरोप के नाम तीन खिताब ज्यादा
कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप से पहले 21 बार इस टूर्नामेंट का आयोजन हो चुका है। 12 बार यूरोप की टीमें चैंपियन बनी हैं। वहीं, 9 बार लैटिन अमेरिकी टीमों ने खिताब जीते हैं। यूरोप के लिए पांच टीमों ने मिलकर ये 12 खिताब जीते हैं। जर्मनी और इटली के नाम सबसे ज्यादा 4-4 खिताब हैं। वहीं, फ्रांस के नाम दो ट्रॉफी है। 1-1 खिताब इंग्लैंड और स्पेन ने जीता है। लैटिन अमेरिका की ओर से तीन देशों ने मिलकर 9 ट्रॉफी जीती हैं। ब्राजील सबसे ज्यादा पांच बार चैंपियन बना है। अर्जेंटीना और उरुग्वे ने दो-दो खिताब जीते हैं।
इस बार भी नहीं मिलेगा नया चैंपियन
कतर वर्ल्ड कप का फाइनल फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच होना है। दोनों ही टीमें पहले भी वर्ल्ड कप जीत चुकी हैं। यानी इस बार भी कोई नया वर्ल्ड चैंपियन नहीं मिलने वाला है। फुटबॉल को आखिरी बार नया चैंपियन 2010 में मिला था। तब स्पेन ने खिताब जीता था।
लैटिन अमेरिका आखिरी बार 2002 में चैपियन
लैटिन अमेरिका के हिस्से आखिरी बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी 2002 में आई थी। तब ब्राजील ने फाइनल में जर्मनी को 2-0 से हराकर खिताब जीता था। ब्राजील की उस जीत के बाद लैटिन अमेरिका ने वर्ल्ड कप जीतने के मामले में यूरोप पर बढ़त बना ली थी। 2002 की जीत ब्राजील की पांचवीं और लैटिन अमेरिका की नौवीं खिताब जीत थी। उस समय तक यूरोप के नाम 8 ट्रॉफी ही थी। लेकिन, इसके बाद 2006 में इटली, 2010 में स्पेन, 2014 में जर्मनी और 2018 में फ्रांस ने खिताब जीतकर यूरोप की बढ़त को काफी मजबूत कर दिया।
लड़ाई वर्तमान और भविष्य के बीच
ये कहा जा सकता है कि फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच फाइनल में लड़ाई वर्तमान और भविष्य की है। अर्जेंटीना से पिछले 2 दशक के स्टार प्लेयर लियोनल मेसी खेल रहे है। वहीं फ्रांस की ओर से फुटबॉल के उभरते सितारे कीलियन एम्बाप्पे फ्रंट लाइन पर रहेंगे। दोनों प्लेयर्स के इस टूर्नामेंट में बराबर (5) गोल है।
अब देखते हैं फ्रांस और अर्जेंटीना में किसका दावा मजबूत
फ्रांस और अर्जेंटीना आखिरी बार 2018 वर्ल्ड कप के राउंड ऑफ 16 नॉकआउट मुकाबले में मिले थे। इन दोनों के बीच रोमांचक मैच हुआ था। फ्रांस ने मुकाबला 4-3 से जीता था। इसी वजह से अर्जेंटीना वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी। इस बार अर्जेंटीना अपनी पिछली हार का बदला लेना चाहेगी।
फ्रांस डिफेंडिंग चैंपियन है और लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचा
पिछले वर्ल्ड कप की तरह इस बार भी फ्रांस फाइनल में पहुंचा है। 2018 में उसका मुकाबला मोड्रिच की टीम क्रोएशिया से हुआ था। इस बार उसका मुकाबला मेसी की टीम अर्जेंटीना से है। इस वर्ल्ड कप से पहले फ्रांस के बड़े खिलाड़ी जैसे, बेंजेमा, पोग्बा, कांटे और एंकुकु चोटिल हो गए। इसके बावजूद टीम के मैनेजर डिडियर डिस्चेम्पस ने एक संतुलित टीम बनाई और उसे लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गई। टीम के 36 साल के स्ट्राइकर खिलाड़ी ओलिवर जीरूड ने हैडर से कमाल दिखाया और 4 गोल किए। स्ट्राइकर कीलियन एम्बाप्पे गोल्डन बूट की रेस में है। उनके इस वर्ल्ड कप में 5 गोल है।
डिफेंस के मामले में फ्रांस इस टूर्नामेंट में थोड़ा कच्चा दिखा। सेमीफाइनल में मोरक्को के खिलाफ टीम ने पहली क्लीन शीट रखी यानी इस वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ जब फ्रांस ने गोल नहीं खाया।
अर्जेंटीना 2014 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था
अर्जेंटीना 2014 वर्ल्ड कप के फाइनल में गया था। उसे जर्मनी ने फाइनल में 1-0 से हराया। लियोनल मेसी के लिए यह वर्ल्ड कप एक दूसरा फाइनल होगा। इस वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना को पहले मैच में सऊदी अरब से हार मिली। लेकिन, इसके बाद अर्जेंटीना ने हर मैच में बेहतर प्रदर्शन किया है। टीम हर मैच में पहले से अच्छा गेम खेल रही है। अर्जेंटीना ने सेमीफाइनल में इस वर्ल्ड कप में टीम की सबसे बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने क्रोएशिया को 3-0 से हराया।
दोनों टीमों का प्रदर्शन शानदार रहा है। ऐसे में दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला होने की उम्मीद है।
जानिए लियोनल मेसी और कीलियन एम्बाप्पे के अलावा ऐसे कौन से दो खिलाड़ी है जो अपनी टीम के लिए गेम चेंजर बन सकते है
एंटोनी ग्रीजमेन का ऑलराउंड प्रदर्शन
फ्रांस के एंटोनी ग्रीजमेन टीम के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते है। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने अटैकिंग मिडफील्ड पोजीशन पर खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। मोरक्को के खिलाफ ग्रीजमेन ने ऑल राउंड प्रदर्शन किया था। उन्होंने 81% पासिंग एक्यूरेसी रखी, 3 बार बॉल को डिफेंड किया और 2 बार विपक्षी टीम के खिलाड़ी से भी और बॉल छीनी। भले ही इस वर्ल्ड कप में उनके नाम एक भी गोल नहीं है लेकिन गोल तक बाॅल को पहुंचाने और चांस बनाने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका है।
फ्रांस के खिलाडी एंटोनी ग्रीजमेन को सेमीफाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच मिला।
जूलियन अल्वारेज हो सकते है अर्जेंटीना के गेम चेंजर
अर्जेंटीना के 22 साल के स्ट्राइकर जूलियन अल्वारेज अर्जेंटीना के लिए गेम चेंजर हो सकते है। उन्होंने सेमीफाइनल में दो गोल दागे। उनके नाम वर्ल्ड कप में 4 गोल है। उन्होंने अब तक वर्ल्ड कप में कमाल का प्रदर्शन किया है।
अर्जेंटीना के जूलियन अल्वारेज ने नॉकआउट राउंड में 3 गोल किए है।
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