मुंबई36 मिनट पहले
मुंबई इंडियंस के खिलाफ 44 बॉल पर शानदार 76 रन बनाकर राहुल ने एक बार फिर इंडियन टीम के दरवाजे पर जोरदार दस्तक दी है। इस दौरान उन्होंने 172 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 9 चौके और 3 छक्के लगाए। क्रिकेट में सबसे मुश्किल होता है इंतजार। इंतजार अपनी बारी का। वर्षों बीत जाते हैं, पर प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिलता। राहुल त्रिपाठी के पिटारे में हर तरह के शॉट हैं, लेकिन शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें अबतक भारतीय टीम में जगह नहीं मिल सकी है। आगे बढ़ने से पहले इस पोल में हिस्सा जरूर लें।
31 वर्षीय राहुल त्रिपाठी IPL के सबसे सफल अनकैप्ड प्लेयर हैं। इस सीजन वह 162 की स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं। अपनी शानदार बल्लेबाजी के बूते पर राहुल को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज में चुने जाने की उम्मीद है।
KKR को अपनी बल्लेबाजी के बूते पिछले साल फाइनल में ले गए थे राहुल
2017 में IPL डेब्यू करते हुए राहुल ने 14 मुकाबलों में 146 की शानदार औसत से 391 रन बनाए थे। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर 93 का था। इसके बाद अगले सीजन में उन्हें कुछ मुकाबलों खेलने का अवसर नहीं मिला। मौका मिला भी तो उनके आने तक काफी कम गेंदें बची होती थीं।
राहुल की असली क्षमता को कोलकात नाइट राइडर्स ने पहचाना। कप्तान दिनेश कार्तिक और कोच ब्रेंडन मैकुलम की जोड़ी ने राहुल को ऊपर खेलने को मौका दिया। बदले में राहुल ने टीम को कई मुकाबले जिता कर दिए। लास्ट ईयर 16 पारियों में 161 की स्ट्राइक रेट से 393 रन बनाकर राहुल ने टीम को फाइनल में पहुंचाया था। इस साल भी राहुल का प्रदर्शन शानदार रहा है।
हरभजन राहुल को मानते हैं विराट से भी ज्यादा फिट
अनकैप्ड यानी वे खिलाड़ी, जिन्हें इंडियन टीम की जैसी पहनने का मौका नहीं मिला। राहुल त्रिपाठी, जो हरभजन सिंह की नजर में विराट कोहली से भी ज्यादा फिट हैं। भज्जी कहते हैं कि फिटनेस के प्रति राहुल का जुनून देखते बनता है।
वह तो यहां तक बोल जाते हैं कि जिम में मौजूद हर साजो-सामान के साथ राहुल एक्सरसाइज कर सकते हैं। बाकी खिलाड़ियों की तरह राहुल का भी एक टोटका है। वह राइट पैड पहले पहनते हैं।
राहुल त्रिपाठी और हरभजन सिंह एकसाथ कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते थे।
प्लास्टिक के बैट से राहुल ने 9 साल की उम्र में शुरु किया था क्रिकेट का सफर
राहुल को बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी थी। 9 साल की उम्र में वे प्लास्टिक के बैट से क्रिकेट खेलते थे। इसी उम्र में एक बार उन्हें लेदर बॉल से खेलने का मौका मिला। राहुल आज तक वह लम्हा नहीं भूल पाए हैं। राहुल के पिता बताते हैं कि राहुल अक्सर पेंसिल को विकेट, स्केल को बैट और रबड़ को बॉल बनाकर खेला करते थे।
उन्हें किसी भी खिलौने में दिलचस्पी नहीं थी। क्रिकेट खेलने के अलावा राहुल पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। वे हमेशा अपनी क्लास में टॉप 5 स्टूडेंट्स में रहते थे। राहुल की पढ़ाई आर्मी स्कूल से हुई है।
उनकी मैथ्स बहुत अच्छी थी और वह आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहते थे। हालांकि क्रिकेट में बढ़ती दिलचस्पी ने उन्हें इंजीनियर बनने की बजाय क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया। राहुल की मां सरोज त्रिपाठी को बेटे पर पूरा यकीन था।
वह चट्टान की तरह राहुल के क्रिकेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए डट गईं। राहुल के पिता आर्मी में थे, इस कारण घर में कड़ा अनुशासन था। राहुल सचिन तेंदुलकर के दीवाने हुआ करते थे।
अपने माता-पिता और बहन के साथ सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी
बेस्ट क्रिकेटर ऑफ इंडिया का खिताब जीत चुके हैं राहुल
राहुल का जन्म झारखंड के रांची में हुआ है। पिता अजय त्रिपाठी इंडियन आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। वह खुद भी क्रिकेटर रह चुके थे। बिहार-झारखंड में क्रिकेट की सुविधाएं हाल फिलहाल थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन हर किसी की किस्मत महेंद्र सिंह धोनी और ईशान किशन की तरह नहीं होती।
इन दोनों राज्यों में आपको कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिल जाएंगे, जिनका करियर अवसर के अभाव में खत्म हो गया। राहुल पुणे शिफ्ट हुए , जहां उन्होंने प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू की। पिता ने पुराने क्लब डेक्कन जिमखाना में उनका दाखिला करा दिया। साल 2012-13 में बड़ौदा के खिलाफ महाराष्ट्र की ओर से राहुल ने डेब्यू किया।
साल 2014 में सी के नायडू कप के दौरान राहुल ने 4 शतक लगाए। उनकी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत महाराष्ट्र की टीम फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुई। BCCI ने उस साल उन्हें ‘बेस्ट क्रिकेटर ऑफ इंडिया’ के खिताब से सम्मानित किया था।
जब तक IPL फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा, तब तक स्टेडियम नहीं गए
जब राहुल को अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद IPL ऑक्शन में टीमों ने खरीदने के लायक नहीं समझा, तो उनका दिल टूट गया। राहुल ने 2013 में भीष्म प्रतिज्ञा कर ली।
कसम यह थी कि जब तक IPL में सिलेक्ट नहीं हो जाएंगे, तब तक स्टेडियम मैच देखने नहीं जाएंगे। साल 2017 में पूरे 5 साल बाद आईपीएल का हिस्सा बनने के बाद वह स्टेडियम मैच खेलने पहुंचे थे।
राहुल के प्रदर्शन को देखते हुए राइजिंग पुणे सुपर जायंट ने उनके बेस प्राइस 10 लाख में उन्हें खरीदा था। राहुल जब इस टीम के लिए ट्रायल देने गए थे, तो उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा था। कोच स्टीमन फ्लेमिंग तभी समझ गए, यह लड़का कमाल कर देगा। राहुल ने दिल्ली के खिलाफ IPL डेब्यू किया था।
राइजिंग पुणे सुपर जायंट की तरफ से खेलते हुए अपने पहले IPL सीजन में अर्धशतक जड़ने के बाद राहुल त्रिपाठी
चोट के बावजूद क्रिकेटर बनने का सपना नहीं छोड़ा
21 साल की उम्र में गेंदबाजी करने के दौरान राहुल गिर पड़े। उनकी पीठ में जबरदस्त चोट आई। परिणाम यह हुआ कि 6 महीनों तक वह फील्ड से से दूर हो गए। इस दौर में भी उनकी आंखों में क्रिकेट फील्ड के अरमान थे।
राहुल की जिंदगी का सबसे बड़ा सपना टीम इंडिया के लिए खेलना है और देश के लिए मैच जीतना है। राहुल कहते हैं कि मेरा कोई फेवरेट बैटिंग पोजिशन नहीं है।
ओपनिंग से लेकर नंबर 6 तक, मैंने हर जगह खेला है। टीम को जैसी जरूरत हो, वह मेरा इस्तेमाल कर सकती है। मैं इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार रहता हूं। 2 बार आईपीएल फाइनल खेल चुके राहुल आज तक ट्रॉफी नहीं जीत सके हैं।
राहुल आईपीएल ट्रॉफी जीतने के साथ ही टीम इंडिया में जल्द से जल्द मौका मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
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