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- Russia Ukraine War ; Ukraine’s Youth Minister Is Fighting Digital War, Social Media Created Pressure On Companies, Raised 500 Crores From Crypto
19 घंटे पहलेलेखक: एडम सटारियानो
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पिछले महीने 24 फरवरी को जब रूस से युद्ध शुरू हुआ, तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उप प्रधानमंत्री मेखाइलो फेडोरोव को अहम जिम्मेदारी सौंपी। जेलेंस्की कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री 31 साल के फेडोरोव ने तुरंत समानांतर डिजिटल युद्ध की कमान संभाल ली।
उन्होंने रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग-थलग करने के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों से संपर्क साधने और वैश्विक इंटरनेट से रूस को काटने के लिए अभियान शुरू किया। टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योर रहे फेडोरोव ने इसके लिए सोशल मीडिया, क्रिप्टोकरंसी जैसे कई डिजिटल साधन अपनाए।
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के जरिए बनाया दबाव
ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के जरिए एपल, गूगल, नेटफ्लिक्स, इंटेल, पेपल पर रूस के साथ कारोबार न करने के लिए दबाव बनाया। 25 फरवरी को उन्होंने एपल, गूगल और नेटफ्लिक्स को रूस में सेवाएं रोकने के लिए लेटर भेजा। एक हफ्ते से भी कम समय में एपल ने रूस में नए आईफोन और अन्य उत्पाद बेचने बंद कर दिए। अगले दिन टेस्ला और स्पेस एक्स के संस्थापक एलॉन मस्क को ट्वीट किया और स्पेस एक्स के बनाए सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम मांगे।
गूगल मैप भी किया बंद
रूस द्वारा टेलीकम्यूनिकेशन तहस-नहस करने की स्थिति में यह तकनीक यूक्रेन को ऑनलाइन रखने में मदद कर सकती थी। दो दिन बाद ही मस्क ने एक शिपमेंट यूक्रेन भेज दिया। फेडोरोव ने गूगल के वाइस प्रेसिडेंट करण भाटिया को भी कॉल किया। इसके बाद से गूगल मैप ने अपने कई फीचर रोक दिए हैं, ताकि रूसी सैनिक यूक्रेन के नागरिकों की टोह न ले सकें।
रूस की ऑनलाइन सर्विस को बर्बाद करने के लिए ग्रुप बनाया
फेडोरोव ने रूस की वेबसाइट और ऑनलाइन सर्विस को बर्बाद करने के लिए हैकर्स का समूह भी बनाया। यही नहीं, फेडोरोव के मंत्रालय ने क्रिप्टोकरंसी फंड भी बनाया है। इसके जरिये यूक्रेनी सेना के लिए करीब 500 करोड़ रुपए जुटा चुका है। फेडोरोव ने यह साबित कर दिया कि कैसे एक कम सैन्यशक्ति वाला देश इंटरनेट, क्रिप्टो, डिजिटल अिभयान और ट्विटर पर लगातार पोस्ट करके रूस जैसे बड़े देश की विदेशी मदद रोक सकता है।
जब तक रूसी चुप हैं, वे भी हमारे लोगों की हत्या में सहभागी हैं
फेडोरोव के मुताबिक, मेरा उद्देश्य था रूस को ‘डिजिटल रूप से घेरना।’ मैं रूसी नागरिकों के जीवन को इतना बुरा और दुखी बना देना चाहता था कि वे युद्ध पर सवाल उठाने लगें। मैं उन कंपनियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने रूस में कामकाज रोक दिया। अब मैं चाहता हूं कि एपल, गूगल जैसी कंपनियां एप स्टोर पर रूस का पूरी तरह बायकॉट करें। तकनीकी और कारोबारी घेराबंदी करके आक्रामकता को रोका जा सकता है। जब तक रूसी चुप हैं, तब तक वे भी रूस की आक्रामकता और हमारे लोगों की हत्या में सहभागी हैं।’
द न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत
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