Site icon News Azi

जानिए हॉकी की दीवार को: भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 पेनल्टी कॉर्नर और 17 सेव किए, इसकी बदौलत टीम ने इतिहास रचा

टोक्यो8 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने पूर्व वर्ल्ड चैंपियन और 3 बार की ओलिंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रच दिया। टीम इंडिया पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच गई है। सोमवार को मिली जीत में एकमात्र गोल दागने वाली गुरजीत कौर से भी ज्यादा अहम रोल भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया का रहा।

वे ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने दीवार बनकर खड़ी रहीं। उन्होंने भारत के लिए 9 पेनल्टी कॉर्नर और 17 काउंटर अटैक बचाए। सिर्फ भारत ही नहीं ऑस्ट्रेलिया ने भी सविता की तारीफ में पुल बांध दिए । ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर बैरी ओ’फैरेल ने उन्हें ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया बताया है।

आखिरी 2 मिनट में ऑस्ट्रेलिया के 2 पेनल्टी कॉर्नर नाकाम किए
भारी गियर पहने सविता पूर मैच में शांति और धैर्य के साथ खड़ी रहीं और अपना 100% दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई फॉरवर्ड के हर हमले को नाकाम किया। इस दौरान इंडियन डिफेंस ने भी सविता का खूब साथ दिया। 31 साल की सविता से पार पाना ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए असंभव साबित हुआ।

मैच के दौरान आखिरी 3 मिनट में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2 पेनल्टी मिले थे। ऐसे में पूरा दबाव सविता पर था। हालांकि सविता ने अपना आत्मविश्वास और एकाग्रता नहीं गंवाई और टीम इंडिया को इतिहास रचने में मदद की।

कृष्ण नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने यह तस्वीर शेयर कर लिखा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को सविता पूनिया कुछ यूं नजर आईं।

सविता ने दादाजी की वजह से हॉकी खेलना शुरू किया
सविता का जन्म 11 जून 1990 में हरियाणा के सिरसा के जोधकन गांव में हुआ था। उनके दादा महिंदर सिंह ने हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया था। सविता ने स्कूल में ही हॉकी टीम को जॉइन किया। सविता बताती हैं कि अगर यह खेल उनके दादा को पसंद नहीं होता तो वह आज जूडो या बैडमिंटन प्लेयर होतीं।

2001 में सविता की मां को अर्थराइटिस हो गया। इसके बाद से सविता पर घर की जिम्मेदारी आ गई थी। वे घर का सारा काम संभालती थीं। सविता के दादाजी चाहते थे कि वे घर छोड़ दें और सिर्फ हॉकी पर ध्यान दें। घर के बाकी लोगों ने भी साथ दिया। सभी चाहते थे मैं कुछ हासिल करूं।

पूरे मैच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी काउंटर अटैक करते रहे, लेकिन सविता डटी रहीं।

गियर पहने 2 घंटे के ट्रैवल के बाद SAI पहुंचती थीं सविता
भारत में खिलाड़ियों को किसी एक खेल को चुनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। परिवार वालों के दबाव में वे जल्दी खेल को अपना करियर नहीं बनाते हैं। पर सविता के साथ ऐसा नहीं था। परिवार वाले चाहते थे कि वे हॉकी के लिए जी जान लगा दें। इसके लिए उन्होंने हिसार में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) को जॉइन किया। वह हर रोज गोलकीपिंग गियर में बस से 2 घंटे ट्रैवल कर SAI पहुंचती थीं।

उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हॉकी पर जोर लगाया
सविता ने अपने पिता से पहले ही हॉकी के लिए मना किया था। पर उन्होंने मुझे गोलकीपिंग किट दी। उन्होंने मुझे किट उस वक्त दिया, जब उनके पास पैसे नहीं थे। तब मुझे लगा कि मुझे अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरना है। मुझे उनके विश्वास को कायम रखना है। SAI में उन्हें गोलकीपिंग की जिम्मेदारी दी गई, क्योंकि वह ग्रुप में सबसे लंबी थीं।

2011 में सविता ने हॉकी में इंटरनेशनल डेब्यू किया
2007 में सविता को टीम इंडिया के सीनियर कैंप में जगह मिली। हालांकि इसके बावजूद उन्हें डेब्यू के लिए 4 साल इंतजार करना पड़ा। सविता ने 2011 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

सविता 2013 में एशिया कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रही थीं। इसके बाद बेल्जियम में 2015 हॉकी वर्ल्ड लीग में टीम इंडिया में शामिल थीं। उनके शानदार गोलकीपिंग और भारत के शानदार परफॉर्मेंस के बदौलत 2016 रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया।

सविता ने इसके बाद 2016 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 एशिया कप में गोल्ड, 2018 एशियन गेम्स में सिल्वर, 2018 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और 2021 ओलिंपिक के सेमीफाइनल में भारत को पहुंचने में मदद की।

सविता को रियो ओलिंपिक के बुरे सपने को पीछे छोड़ना है
सविता ने टोक्यो ओलिंपिक शुरू होने से पहला कहा था कि रियो में हम 12वें स्थान पर रहे थे। यह एक बुरे सपने की तरह था। पर टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बाद हम इस बुरे सपने को पीछे छोड़ने का सोचा। रियो में हमारी टीम के ज्यादातर खिलाड़ी नए थे।

सविता ने कहा कि हमने रियो में कई गल्तियां कीं। मेरा लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक में अपनी टीम के लिए असाधारण प्रदर्शन करना है। अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी परफॉर्मेंस से सविता ने इसे साबित कर दिखाया है। सेमीफाइनल में भी अर्जेंटीना के खिलाफ उनका रोल बेहद अहम होगा।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद भारतीय टीम।

भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल में
भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है। भारत ने क्वार्टर फाइनल में 3 बार की ओलिंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया। भारत के लिए एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किया। अब सेमीफाइनल में टीम इंडिया का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा। अर्जेंटीना ने क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsAzi is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – admin@newsazi.com. The content will be deleted within 24 hours.
Exit mobile version