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- Highest 26 Wickets In Power play, Always 7 Bowling Options In The Team, Full Of Finishers
अहमदाबाद6 मिनट पहले
IPL 2022 का फाइनल मुकाबला आज गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला जाएगा। इस लीग के लिए फरवरी महीने में हुए मेगा ऑक्शन के बाद तमाम एक्सपर्ट्स ने गुजरात टाइटंस को IPL-2022 की सबसे कमजोर टीम करार दिया था। कहा गया कि टीम के पास बड़े स्टार्स नहीं हैं और बैटिंग भी कमजोर है। अब यही टीम अपने डेब्यू सीजन में ही फाइनल में पहुंच गई है। चलिए जान लेते हैं कि गुजरात ने तमाम कयासों को गलत साबित करते हुए कैसे इतना लंबा सफर तय कर लिया। इसके लिए हम टीम की टॉप-5 स्ट्रेंथ के बारे में जानेंगे।
1ः पावर-प्ले में शानदार गेंदबाजी
गुजरात की कामयाबी के पीछे टीम के न्यू बॉल बॉलर्स की अहम भूमिका रही। शुरुआती ओवरों में ही विकेट हासिल कर गुजरात ने प्रतिद्वंद्वी टीमों पर दबाव बनाया। टीम ने पावर प्ले में प्रतिद्वंद्वी टीम के 26 विकेट चटकाए। राजस्थान रॉयल्स ने भी पावर प्ले में 26 विकेट चटकाए हैं यानी पावर-प्ले की दो बेस्ट टीमें फाइनल में पहुंची हैं।
2ः छक्के नहीं चौके पर रहा जोर
GT ने बल्लेबाजी में ज्यादा रिस्क न लेते हुए बल्लेबाजी करने की रणनीति बनाई। यही वजह है कि टीम की ओर से इस सीजन में सबसे कम 75 छक्के ही लगे हैं। लेकिन, GT चौके जमाने के मामले में टॉप-3 में है। गुजरात की ओर से 207 चौके लगे हैं। इस रणनीति के कारण गुजरात ने ज्यादातर मैचों में इतने रन जरूर बनाए कि वह आखिर तक लड़ सके। जब एक टीम आखिरी गेंद तक मुकाबले में रहने की जिद पर अड़ी रहती है तो उसकी जीत की उम्मीद भी ज्यादा होती है। गुजरात ने 8 मैचों में बाद में बैटिंग की और इनमें से सात में जीत हासिल की। रोचक बात यह है कि सभी सातों जीत मैच के आखिरी ओवर में मिली है। दो बार तो आखिरी गेंद पर जीत मिली।
3ः हर मैच में सात बॉलिंग ऑप्शन
टीम के सफलता के पीछे उसकी बॉलिंग का भी अहम योगदान है। चेजिंग हो या फिर स्कोर डिफेंड करना होगा। टीम के पास हमेशा 7 बॉलिंग ऑप्शन होते हैं। क्वालिफायर-1 की ही बात कर लें तो उसकी प्लेइंग में कप्तान पंड्या, मिलर, राशिद, साई किशोर, अल्जाफरी जोसेफ, यश दयाल और मोहम्मद शमी थे। ऐसे में कप्तान परिस्थिति के अनुसार गेंदबाज को चुनता है।
4ः जब जरूरत पड़ी, सामने आया नया फिनिशर
टीम को जब-जब जरूरत पड़ी है तो किसी न किसी खिलाड़ी ने आगे आकर जिम्मेदारी ली है और असंभव दिखने वाली जीत को भी संभव बना दिया। फिर चाहे वह क्वालिफायर-1 में प्रसिद्ध कृष्णा के 19वें ओवर में मिलर के लगातार तीन छक्के हों। या फिर तेवतिया की RCB के खिलाफ 25 गेंदों पर 43 रनों की पारी हो। तेवतिया ने टीम को दो गेंद में दो छक्के मारकर जिताया था। फिर राशिद खान हों। जिन्होंने गेंद के साथ बल्ले से भी कमाल दिखाया। राशिद ने 28 अप्रैल को LSG के खिलाफ 19वें ओवर में मार्को येनसान की आखिरी तीन गेंदों पर तीन छक्के जमाए थे। उस ओवर में टीम को जीत के लिए 22 रन बनाने थे।
5ः हार्दिक की कप्तानी और टीम की एकजुटता
लीग के मौजूदा सीजन में हार्दिक पंड्या ने अपनी लीडरशिप स्किल को भी साबित किया है। उन्होंने कई अहम मौकों में फैसले लेकर मैच अपने नाम किया है। उन्होंने मैदान पर अपने बिहेवियर पर ध्यान दिया और अपने अग्रेसिव नेचर से उलट कूल नजर आए हैं। उन्होंने टीम की जरूरत के मुताबिक अपनी बल्लेबाजी का स्टाइल भी बदला। वे नंबर-3 और नंबर-4 पर आकर इनिंग्स बिल्ड करने की कोशिश में रहते थे। इससे पहले उनकी छवि पावर हिटर की थी, जो हर गेंद पर चौका या छक्का ही खोजता है।
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