- Hindi News
- Local
- Haryana
- Panipat
- Cricketer Rishabh Pant Accident Case; Uttarakhand And Haryana Government Honored Haryana Roadways Driver And Conductor
पानीपत13 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
गणतंत्रता दिवस पर उत्तराखंड राज्य के देहरादून में आयोजित हुए राज्यस्तरीय कार्यक्रम में ऋषभ पंत को बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर को सम्मानित किया गया। हालांकि दोनों ही हरियाणा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
उनकी जगह पर देहरादून में उनके परिजन पहुंचे थे। वहां कार्यक्रम में उनके परिजनों से क्रिकेटर पंत की मां सरोज पंत ने मौजिज व्यक्ति के जरिए ड्राइवर-कंडक्टर के लिए संदेशा भिजवाया है। उन्होंने बेटे के ठीक होने पर दोनों से मुलाकात की बात कहलवाई है।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने दोनों के परिजनों को 1-1 लाख रुपए, प्रशंसा पत्र और स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया है। इसके अलावा उत्तराखंड DGP अशोक कुमार ने 20-20 हजार रुपए और गुड सेमेरिटन अवार्ड दिया है।
हरियाणा सरकार की बड़ी लापरवाही, दिए गलत प्रशंसा पत्र
हरियाणा के यमुनानगर में आयोजित हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमजीत को सम्मान दिया गया है। CM मनोहर लाल ने दोनों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस प्रशंसा पत्र में बड़ी गलती सामने आई है। इसमें हादसे की तारीख 31 दिसंबर लिखी गई है। जबकि हादसा 30 दिसंबर को हुआ था। वहीं, स्टेज पर CM ने दोनों को बधाई दी और उनके गांव के नाम पूछे।
पढ़िए … वह पूरी कहानी, जब दोनों ने पंत की जान बचाई
करनाल के बल्लां गांव के रहने वाले ड्राइवर सुशील ने बताया कि वह पिछले करीब 1 महीने से डिपो की बस नंबर HR67A8824 में पानीपत से हरिद्वार और हरिद्वार से पानीपत रूट पर बस चला रहे हैं। शुक्रवार को वह रोजाना की तरह सुबह 4:25 पर हरिद्वार से पानीपत के लिए चले थे।
सुबह करीब 5:20 बजे जब वे नारसन गुरुकुल के नजदीक पहुंचे तो सामने से एक गाड़ी आई और देखते ही देखते गाड़ी उनके नजदीक पहुंची और रेलिंग से टकराते हुए सड़क पार कर उनकी बस के आगे आ गई। इससे पहले वह बस के इमरजेंसी ब्रेक लगाते, तब तक गाड़ी चार पलटी खाते हुए कंडक्टर साइड चली गई। जिसके बाद गाड़ी सीधी खड़ी हो गई।
उन्होंने तुरंत बस को रोका। जिसके बाद दोनों नीचे उतरे तो तब तक कार की डिग्गी से आग लगनी शुरू हो गई थी। दोनों ने बिना देरी करे, महज 5 सेकेंड के भीतर ड्राइवर साइड पर बाहर की तरफ लटके हुए पंत को घसीट कर बाहर निकाला और कच्चे डिवाइडर पर छाती के बल लेटा दिया।
खुद की जान जोखिम में डालकर ड्राइविंग करने पर कंडक्टर परमजीत ने मर्सिडीज सवार चालक को तेज आवाज में कहां कौन है तू? क्या देखकर ड्राइविंग नहीं कर सकता था?। जिस पर मर्सिडीज सवार शख्स ने कहा कि मैं भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत हूं। हालांकि ड्राइवर सुशील ने उन्हें पहचाना नहीं था। मगर, कंडक्टर परमजीत कभी कभार क्रिकेट देख लेते हैं तो उन्हें पहचान हो गई।
इसके बाद ड्राइवर सुशील ने पुलिस कंट्रोल रूम नंबर डायल 112 और कंडक्टर ने एंबुलेंस कंट्रोल रूम नंबर 108 पर लगातार कॉल की। करीब 12 से 15 मिनट के भीतर पर एंबुलेंस पहुंची। जिसके बाद ऋषभ पंत और उनके सामान को एंबुलेंस में रखा गया।
एंबुलेंस वाले को कहा गया कि पंत भारतीय क्रिकेटर हैं, इसलिए उन्हें किसी अच्छे अस्पताल में लेकर जाएं। बस ड्राइवर, कंडक्टर और सवारियां करीब 20 मिनट तक वहां खड़ी रहीं। पंत को अस्पताल ले जाने के बाद ही बस व सवारियां पानीपत की तरफ रवाना हुईं। पंत के कहने पर उन्होंने उनकी मां को भी कॉल किया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.